प्रमोशन में TET अनिवार्य करने के खिलाफ कोर्ट की शरण में जाएंगे बेसिक टीचर्स

ALLAHABAD: बरसों से प्रमोशन के इंतजार में बैठे हजारों शिक्षकों की उम्मीदों पर एक आदेश ने पानी फेर दिया. शिक्षक अब आदेश के खिलाफ कोर्ट की सीनियर बेंच में अपील करने की तैयारी में है. इस बारे में शिक्षकों का कहना है कि सूबे के विभिन्न जिलों में 2013 तक प्रमोशन हुए हैं.
इस आदेश के बाद वह सभी प्रमोटेड लोग एक झटके में डिमोट हो जाएंगे. इससे उनको बहुत नुकसान होगा. वहीं दूसरी ओर इलाहाबाद समेत कई जिलों में 2009 के बाद से शिक्षकों को प्रमोशन का इंतजार था. आदेश के बाद उस प्रमोशन की आस पर भी पानी फिर गया है.

हजारों की संख्या में होंगे प्रभावित
हाईकोर्ट के निर्णय का असर सूबे के हजारों शिक्षकों पर पड़ेगा. उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के शिक्षक नेता देवेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि कोर्ट के आदेश से सूबे में हजारों की संख्या में प्रमोट हुए शिक्षकों को डिमोट होना पड़ेगा. इससे उनको आर्थिक रूप से सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि कई जिलों में 2013 तक प्रमोशन हो चुका है. ऐसे में अगर प्रमोशन में टीईटी अनिवार्य किया गया तो उनको भी टीईटी देना होगा. ऐसे में अगर जूनियर के टीईटी प्रमोशन के हकदार टीचर्स क्वालीफाई नहीं कर पाएंगे तो उनको डिमोट कर दिया जाएगा. इससे उनकी सालों की मेहनत एक झटके में बेकार हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बारे में संघ की ओर से कानूनी सलाह ली जा रही है. जिसके बाद शिक्षक हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील करेंगे. जिससे शिक्षकों को राहत मिल सके. गौरतलब है कि मैनपुरी के एक मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमोशन में टीईटी को अनिवार्य करने का आदेश दिया था. उसके बाद से ही शिक्षकों की टेंशन बढ़ी हुई है.



कोर्ट के आदेश का गहनता से अध्ययन किया जा रहा है. इस मामले में डबल बेंच में अपील करने की तैयारी की जा रही है.
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