लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में Sahayak Adhyapak बनने के लिए UP Shiksha Mitra कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। शिक्षा मित्रों ने अपनी जंग को जारी रखते हुए एक बार फिर हाईकोर्ट का रुख किया है।
कोर्ट में याचिका दाखिल करके Adyapak Bharti के लिए लिखित परीक्षा के नियमों को चुनौती दी है। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों के लिए टीईटी के अलावा लिखित परीक्षा को लेकर दाखिल याचिका पर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। ये आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया हा।
हाइकोर्ट में याचिका दाखिल
अनिल कुमार वर्मा और अन्य लोगों की तरफ से यह याचिका परिषदीय विद्यालयों में UP Primary Teacher Bharti में लिखित परीक्षा कराने के फैसले को लेकर दाखिल की गई है। याचिकाकर्ताओं के वकील ज्ञानेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि शासन को चयन की प्रक्रिया निर्धारित करने और सेवा नियमावली में संसोधन करने का पूरा अधिकार है। लेकिन शिक्षा मित्र एक विशेष वर्ग निर्मित बनाते हैं इसलिए उन पर भर्ती की सामान्य शर्तें थोपी नहीं जा सकती। उनकी प्रतियोगिता गैर शिक्षा मित्र अभ्यर्थियों के साथ नहीं होनी चाहिए। क्योंकि सामान्य औक असामान्य प्रतियोगी एकसाथ नहीं दौड़ाए जा सकते।
सरकार ने किए नियम में बदलाव
आपको बता दें कि UP Shiksha Mitra Samayojan 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षा मित्रों को टीईटी (UPTET) पास करने के बाद ही भर्ती में मौका देने की बात कही थी। लेकिन इसके बाद यूपी सरकार ने Primary Teacher Bharti के लिए चयन प्रक्रिया में बदलाव से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। नियम में बदलाव के बाद विभाग में प्राइमरी शिक्षकों का चयन अब लिखित परीक्षा के आधार पर होना है। लेकिन शिक्षामित्र लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।
करारा जवाब मिलेगा
हरदोई के शिक्षा मित्र कौशल किशोर का कहना है कि अगर सरकार चाहे तो कानून में संशोधन करके उन्हें राहत दी सकती है। सरकार को हमारे हक के बारे में सोचना चाहिए। कुछ लोग शिक्षामित्रों के भविष्य को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं, लेकिन उनकी यह मंशा ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी। प्रदेश सरकार उनके हित के बारे में न सोचकर उनकी उपेक्षा कर रही है, जो ठीक नहीं है। वहीं बाराबंकी के शिक्षा मित्र रूबी खातून ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों को टेट के बाद लिखित परीक्षा में जान बूझकर उलझाने का काम कर रही है, आने वाले समय में उनको इसका जवाब देंगे। शिक्षामित्रों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वालों को हम चुनाव में करारा जवाब देंगे।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
कोर्ट में याचिका दाखिल करके Adyapak Bharti के लिए लिखित परीक्षा के नियमों को चुनौती दी है। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों के लिए टीईटी के अलावा लिखित परीक्षा को लेकर दाखिल याचिका पर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। ये आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया हा।
हाइकोर्ट में याचिका दाखिल
अनिल कुमार वर्मा और अन्य लोगों की तरफ से यह याचिका परिषदीय विद्यालयों में UP Primary Teacher Bharti में लिखित परीक्षा कराने के फैसले को लेकर दाखिल की गई है। याचिकाकर्ताओं के वकील ज्ञानेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि शासन को चयन की प्रक्रिया निर्धारित करने और सेवा नियमावली में संसोधन करने का पूरा अधिकार है। लेकिन शिक्षा मित्र एक विशेष वर्ग निर्मित बनाते हैं इसलिए उन पर भर्ती की सामान्य शर्तें थोपी नहीं जा सकती। उनकी प्रतियोगिता गैर शिक्षा मित्र अभ्यर्थियों के साथ नहीं होनी चाहिए। क्योंकि सामान्य औक असामान्य प्रतियोगी एकसाथ नहीं दौड़ाए जा सकते।
सरकार ने किए नियम में बदलाव
आपको बता दें कि UP Shiksha Mitra Samayojan 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षा मित्रों को टीईटी (UPTET) पास करने के बाद ही भर्ती में मौका देने की बात कही थी। लेकिन इसके बाद यूपी सरकार ने Primary Teacher Bharti के लिए चयन प्रक्रिया में बदलाव से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। नियम में बदलाव के बाद विभाग में प्राइमरी शिक्षकों का चयन अब लिखित परीक्षा के आधार पर होना है। लेकिन शिक्षामित्र लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।
करारा जवाब मिलेगा
हरदोई के शिक्षा मित्र कौशल किशोर का कहना है कि अगर सरकार चाहे तो कानून में संशोधन करके उन्हें राहत दी सकती है। सरकार को हमारे हक के बारे में सोचना चाहिए। कुछ लोग शिक्षामित्रों के भविष्य को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं, लेकिन उनकी यह मंशा ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी। प्रदेश सरकार उनके हित के बारे में न सोचकर उनकी उपेक्षा कर रही है, जो ठीक नहीं है। वहीं बाराबंकी के शिक्षा मित्र रूबी खातून ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों को टेट के बाद लिखित परीक्षा में जान बूझकर उलझाने का काम कर रही है, आने वाले समय में उनको इसका जवाब देंगे। शिक्षामित्रों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वालों को हम चुनाव में करारा जवाब देंगे।
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