इलाहाबाद : सपा शासन में हुई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच का आदेश हुए साढ़े तीन महीने हो चुके हैं लेकिन, इस साल के अंत तक जांच शुरू होने की संभावना कम ही है।
उप्र लोक सेवा आयोग में अभी इस संबंध में कोई लिखित आदेश नहीं पहुंचा है। उधर प्रदेश में निकाय चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, इस वजह से भी जांच फिलहाल शुरू होने की संभावना कम ही नजर आ रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई को कैबिनेट की बैठक के दौरान सपा शासन के पांच साल में हुई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच कराने का एलान किया था। इससे प्रदेश में खलबली मच गई थी। तमाम परीक्षा संस्थाओं के अलावा उप्र लोक सेवा आयोग सबसे अधिक निशाने पर था क्योंकि यहीं से सबसे अधिक भर्तियां हुई थीं। भर्तियों में धांधली के आरोप तत्कालीन अध्यक्ष पर भी लगे थे जिन्हें आयोग से हटा भी दिया गया। इस बीच सपा शासन में कराई गई तमाम परीक्षाओं के परिणाम भी उप्र लोक सेवा आयोग ने जारी किए हैं, जबकि इन साढ़े तीन महीनों में सीबीआइ जांच से संबंधित कोई भी आदेश आयोग में नहीं पहुंचा। हालांकि आयोग का यह भी कहना है कि जांच होगी तो तथ्य पेश किए जाएंगे। सचिव जगदीश ने बताया कि अभी सीबीआइ जांच के आसार नहीं दिख रहे हैं, हालांकि जांच होनी तय है।
उधर उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अधिकांश अधिकारियों और कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी भी निर्धारित होने लगी है। ऐसे में इस साल के अंत तक जांच की संभावना कम ही नजर आ रही है।
यूपी पीएससी में साढ़े तीन महीनों में नहीं आया कोई आदेश
साल के अंत तक भर्तियों की जांच होने के आसार भी नहीं
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उप्र लोक सेवा आयोग में अभी इस संबंध में कोई लिखित आदेश नहीं पहुंचा है। उधर प्रदेश में निकाय चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, इस वजह से भी जांच फिलहाल शुरू होने की संभावना कम ही नजर आ रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई को कैबिनेट की बैठक के दौरान सपा शासन के पांच साल में हुई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच कराने का एलान किया था। इससे प्रदेश में खलबली मच गई थी। तमाम परीक्षा संस्थाओं के अलावा उप्र लोक सेवा आयोग सबसे अधिक निशाने पर था क्योंकि यहीं से सबसे अधिक भर्तियां हुई थीं। भर्तियों में धांधली के आरोप तत्कालीन अध्यक्ष पर भी लगे थे जिन्हें आयोग से हटा भी दिया गया। इस बीच सपा शासन में कराई गई तमाम परीक्षाओं के परिणाम भी उप्र लोक सेवा आयोग ने जारी किए हैं, जबकि इन साढ़े तीन महीनों में सीबीआइ जांच से संबंधित कोई भी आदेश आयोग में नहीं पहुंचा। हालांकि आयोग का यह भी कहना है कि जांच होगी तो तथ्य पेश किए जाएंगे। सचिव जगदीश ने बताया कि अभी सीबीआइ जांच के आसार नहीं दिख रहे हैं, हालांकि जांच होनी तय है।
उधर उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अधिकांश अधिकारियों और कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी भी निर्धारित होने लगी है। ऐसे में इस साल के अंत तक जांच की संभावना कम ही नजर आ रही है।
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