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*जैसा कि आज दिनांक - 27 जून को मुख्यमंत्री जी का बहन उमा देवी जी के मंच पर आ करके गतिमान आमरण अनशन तुड़वाने के बाद लिखित घोषणा करने की पूर्ण सम्भावना थी, लेकिन मुख्यमंत्री जी ने बहन उमा देवी जी के मंच पर तो नहीं आये, परन्तु बंजारा समाज के महारैली में शिक्षामित्रों के तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से बुला कर जरुर मिले, मिलने के बाद मुख्यमंत्री जी ने पुनः मीठी खुराक देते हुए उक्त मांग पत्र के क्रम में जल्द ही पूरा करने का पुनः आश्वासन जरुर दे दिये*!
*उक्त मिले मीठे आश्वासन रुपी खुराक के क्रम में , सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि अब प्रदेश का आम पीड़ित पौने दो लाख शिक्षामित्र अपने व अपने परिवार को कैसे जीवित रखें*?
*बहरहाल अब आगे आमरण अनशन जारी रखना हैं ?या उक्त मिले मीठे खुराक को लेकर पुनः अपने अपने घर वापस आ करके, उसी कष्ट में पुनः शामिल हों जाना है? या उग्र रुप धारण करके मुख्यमंत्री जी को तत्काल निर्णय लेने के लिए विधान सभा का घेराव करके, विवश करना है?*
*उक्त कठोर प्रश्न पर? बहन उमा देवी जी को ही आज ही फैसला लेना हैं, जो सायं तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी*!
उक्त परिस्थिति के साथ
*जय महाकाल*
प्रदीप पाल
जनपद - इलाहाबाद