इलाहाबाद : यूपीपीएससी के परीक्षा विभाग, गोपन और अति गोपन विभाग में
लंबे समय से कार्यरत समीक्षा अधिकारी, सीबीआइ अफसरों को खटक रहे हैं। शुरू
से ही इन विभागों को टारगेट कर भर्तियों की जांच कर रहे अफसरों ने अब
समीक्षा अधिकारियों का संपूर्ण ब्योरा जुटा लिया है।
पीसीएस 2015 परीक्षा
में अभ्यर्थियों के गलत चयन में इन समीक्षा अधिकारियों की भूमिका भी सीबीआइ
को संदेहास्पद लगी है। पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के मनमाने निर्देश पर
जिन समीक्षा अधिकारियों को महत्वपूर्ण काम दिए गए थे उनसे पीसीएस मेंस 2017
के ठीक बाद पूछताछ की तैयारी है। 1आयोग के परीक्षा विभाग में कुल छह
सेक्शन हैं। इनमें गोपन और अति गोपन विभाग में दो दर्जन समीक्षा अधिकारियों
की तैनाती है जबकि यूपीपीएससी मुख्यालय में सौ से अधिक समीक्षा अधिकारी और
इतने ही सहायक समीक्षा अधिकारी तैनात हैं। पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के
कार्यकाल में कई समीक्षा अधिकारियों को परीक्षा कार्यो से सीधे जोड़ा गया
था। परीक्षा नियंत्रक के आदेश पर यही समीक्षा अधिकारी विशेषज्ञों का पैनल
भी बनवाते थे। सीबीआइ को पता चला है कि पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल के कार्यकाल
में जिन समीक्षा अधिकारियों पर उनकी खास मेहरबानी थी वही आज भी परीक्षा
विभाग में कार्यरत हैं। ऐसे समीक्षा अधिकारियों के बारे में सीबीआइ ने
दिल्ली मुख्यालय से ही निर्देश भेजकर संपूर्ण विवरण मांगा है। आयोग ने
अभिलेखों सहित विवरण सीबीआइ को सौंप भी दिया है। सीबीआइ ने संदिग्ध पाए जा
रहे समीक्षा अधिकारियों की हर गतिविधियों पर निगरानी भी अपने गवाहों से
शुरू करा दी है। पीसीएस मेंस 2017, परीक्षा के ठीक बाद जुलाई में इन
समीक्षा अधिकारियों पर सीबीआइ का घेरा कसना तय माना जा रहा है। 1सूत्रों के
अनुसार सीबीआइ ने कई समीक्षा अधिकारियों की अभ्यर्थियों के गलत चयन में
सीधी भूमिका का पता लगा लिया है और एफआइआर में उनकी नामजदगी की तैयारी भी
कर ली गई है। हालांकि इनकी संख्या स्पष्ट नहीं की जा रही है।