लखनऊ : केंद्र सरकार की ओर से अपने कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस देने की घोषणा के बाद योगी सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों को त्योहारी एडवांस देने का निर्णय लिया है। मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक की
अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त विभाग को निर्देश दिया कि वह केंद्र की तर्ज पर राज्य कर्मचारियों को त्योहारी एडवांस देने की कार्ययोजना तैयार करे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद वित्त विभाग इसके गुणा-भाग में लग गया है। प्रदेश में 16 लाख राज्य कर्मचारी, शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारी हैं।प्रदेश में तकरीबन 8.5 लाख राज्य कर्मचारी, 5.5 लाख शिक्षक, एक लाख शिक्षणोत्तर कर्मचारी और एक लाख स्थानीय निकायों के कर्मचारी हैं। इनकी संख्या लगभग 16 लाख है। यदि राज्य सरकार अपने सभी कर्मचारियों व शिक्षकों को केंद्र की तर्ज पर 10 हजार रुपये त्योहारी एडवांस देती है तो इस पर लगभग 1600 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद वित्त विभाग में इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है। कर्मचारियों को पिछले वित्तीय वर्ष के 30 दिनों के वेतन के बराबर बोनस दिया जाता है।
’>>मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वित्त विभाग को केंद्र की तर्ज पर कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश
’>>16 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और शिक्षणोत्तर कार्मिकों को होगा लाभ
बोनस का भी संकेत
कोरोना से खजाने की सेहत प्रभावित होने के बावजूद राज्य सरकार त्योहार के इस सीजन में बोनस की आस लगाए बैठे कर्मचारियों को मायूस नहीं करेगी। मंगलवार को इसके संकेत वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने दिए। दीपावली के मौके पर राज्य कर्मचारियों को दिये जाने वाले बोनस पर वित्त मंत्री ने कहा कि यदि कोई चीज परंपरागत तरीके से चली आ रही है तो उसमें सरकार कटौती नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा और लॉकडाउन के कारण इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती चार महीनों में राजस्व वसूली को झटका लगा था, लेकिन अगस्त और सितंबर में राजस्व वसूली पिछले वर्ष के इन दो माह की तुलना में बढ़ी है। उप्र सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने मांग की है कि इस बार कर्मचारियों को बोनस की पूरी राशि का नकद भुगतान हो।