शिक्षक भर्ती में प्रदेश के कई जिलों में यह देखने में आया है कि समान जिले में में ऊपर से अधिक मेरिट वाले चयन सूची में नहीं हैं, जबकि नीचे के कम मेरिट वालों का नाम लिस्ट में है।
इस प्रकार की सैकड़ों शिकायतें लेकर अभ्यर्थी मंगलवार को सुबह ही सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय पहुंचना शुरू हो गए थे। इन अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय परिसर स्थित सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराने के बाद कहा कि सुनवाई नहीं होने की स्थिति में कोर्ट जाएंगे।प्रदेश के बेरोजगारों के आंदोलन एवं सोशल मीडिया पर अभियान चलाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ठप पड़ी 69000 शिक्षक भर्ती में शिक्षामित्रों का 37339 पदों को छोड़कर 31661 पदों को भरने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी यह कह रहे थे कि भर्ती का आधार क्या होगा, कैसे मेरिट तैयार की जाएगी।
पूर्व के चयनितों को बाहर करने का खतरा भी उन्हें दिखाई पड़ रहा था। शिक्षाधिकारी कह रहे थे कि पूर्व में चयनितों को बाहर करने पर वह आंदोलन कर सकते हैं। नई जिला आवंटन सूची जारी करने पर उसमें गलतियों की संभावना होगी। आखिर में वही हुआ। चयन सूची से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने अपना प्रत्यावेदन सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में रिसीव करा दिया है, उनका कहना है कि कोई सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय पहुंची एक शिकायतकर्ता ने बताया कि जून में जारी जिला आवंटन सूची में प्रतापगढ़ में चयन हुआ था, 12 अक्तूबर को जारी जिला आवंटन सूची में उसे 15863 रैंक मिली थी, इस बार जारी आवंटन सूची में उससे कम रैंक वाले 15933 रैंक वाले का चयन हो गया। इस अभ्यर्थी का कहना था कि दोनो अनारक्षित श्रेणी में आते हैं, फिर यह विसंगति क्यों।
इसी प्रकार की शिकायत लेकर चित्रकूट में पूर्व चयनित एक अभ्यर्थी पहुंचे। उनका कहना था कि ओबीसी में उनकी मेरिट 71 फीसदी है, 71 और 72 फीसदी पाने वाले का चयन नहीं हुआ बल्कि 68.5 फीसदी वाले का नाम जिला आवंटन सूची में है। इसी प्रकार की शिकायत लेकर गाजीपुर, गोरखपुर, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी सहित कई जिलों से अभ्यर्थी पहुंचे