एडेड डिग्री कालेजों में प्राचार्य भर्ती का रास्ता हुआ साफ, एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील खारिज

 प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग, प्रयागराज के अशासकीय व सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कालेजों के प्राचार्य पद की भर्ती में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है।

कोर्ट ने वर्ष 2010 के रेग्युलेशन से की जा रही भर्ती को वैध करार देने के एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया है। एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील खारिज कर दी है।



यह आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी व न्यायमूíत पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने डा. हेम प्रकाश व तीन अन्य की विशेष अपील पर दिया है। अपील पर अधिवक्ता सीमांत सिंह व आयोग के अधिवक्ता राजीव सिंह ने बहस की। आयोग ने दो मार्च 2019 को प्राचार्य पद की भर्ती का विज्ञापन निकाला था। आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 18 जून 2019 थी, जबकि 18 जुलाई 2019 तक सत्यापन किया गया। आयोग ने यूजीसी के 2010 के परिनियम के तहत भर्ती शुरू की है। इसी महीने 29 अक्टूबर को इसकी लिखित परीक्षा प्रस्तावित है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने परिनियम में 2018 में संशोधन किया है। उसे राज्य सरकार ने 28 जून 2019 को लागू किया है। याची का कहना था कि प्राचार्य भर्ती नये संशोधित नियम 2018 से की जानी चाहिए। एकलपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि 2018 का संशोधन लागू होने से पहले आवेदन जमा करने की तारीख समाप्त हो चुकी थी, इसलिए 2010 के नियम से भर्ती करना सही है।

यह हुआ है बदलाव: यूजीसी ने पहले एपीआइ (एकेडमिक परफार्मेस इंडेक्स) के चार सौ अंक तय किया था। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने इसी के अनुरूप प्राचार्य पद के लिए आवेदन लिया है। इसके तहत अभ्यर्थियों की कालेज में उपस्थिति, शोध कार्य, आचारण आदि मिलाकर चार सौ अंक होना चाहिए।

’>>वर्ष 2010 के रेग्युलेशन से की जा रही भर्ती को कोर्ट ने वैध ठहराया

’>>एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील खारिज

’>>हाईकोर्ट ने प्राचार्य पद की भर्ती में हस्तक्षेप से इंकार किया