इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग से डायट प्रवक्ता की नियुक्ति प्रक्रिया में गलत क्षैतिज आरक्षण लागू कर अनारक्षित वर्ग में आरक्षित कोटे की महिलाओं को नियुक्ति देने को चुनौती देने वाली याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस प्रक्रिया में चयनित 10 महिला अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर उनसे भी याचिका पर जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने मंजुल प्रकाश मिश्र व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। एडवोकेट सीमांत सिंह का कहना था कि आयोग ने डायट में प्रवक्ता के 65 पदों पर चयन के लिए फरवरी 2014 में विज्ञापन जारी किया था। इनमें 36 पद अनारक्षित, 20 पद ओबीसी, पांच पद एससी और एक पद एसटी के लिए आरक्षित था। याची ने गणित विषय के प्रवक्ता पद के लिए आवेदन किया। वह लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में शामिल हुआ। 23 नवंबर 2019 को जारी परिणाम में याची का चयन नहीं हो सका।
याचिका में कहा गया कि अनारक्षित श्रेणी के 36 पदों के हिसाब से महिलाओं का क्षैतिज आरक्षण सात पदों पर होना चाहिए। इनमें दो पद अनारक्षित महिलाओं से भरे गए जबकि पांच पदों पर ओबीसी महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई। उधर, ओबीसी कोटे में भी पांच महिलाओं की नियुक्ति की गई जबकि नियम यह है कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को उसी के वर्ग में क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। साथ ही यदि आरक्षित वर्ग की महिला मेरिट के आधार पर अनारक्षित वर्ग में चयनित हो जाती है तो आरक्षित श्रेणी में क्षैतिज आरक्षण नहीं दिया जाएगा।