साथियों नमस्कार,
निःसन्देह आज 31277 घरों में खुशियों का माहौल है और उस माहौल के सापेक्ष 37300 के करीब हमारे अपने ही साथी जिन्होंने हर एक कदम पर हमारा साथ दिया आज वह थोड़ा सा चंद कदम नियुक्तिपत्र से दूर हैं अभी ।।
31277 में चयन प्राप्त करने वाले मेरे सभी संघर्षशील साथियों को बधाई व शुभकामनाएं । महादेव ने आप सबकी अभीष्ट कामना पूर्ण की ।।
दोस्तों लिस्ट जारी होने के बाद से इतनी उहापोह और उथलपुथल की स्थिति थी उसमें कुछ भी कहना और आपका उस पर प्रतिक्रिया देना दोनों मन को खिन्न करता, अगर मैं आपको दिलासा या सांत्वना देता तो आपको लगता कि इनका चयन हो गया ऐसे में दिलासा बांट रहे हैं, बस इसी वजह से केवल लोगों के अंतःकरण के भाव जानने हेतु कुछ दिन का मौन धारण करना पड़ा ।।
विभाजन कभी भी मुझे निजी तौर पर प्रिय नहीं रहा है न होगा फिर वह घरों का हो या वर्तमान सूची का, चूंकि सूची सरकार ने जारी की ऐसे में नियुक्तिपत्र लेना लाजिमी है मगर न मैंने अबतक अपने नियुक्तिपत्र की कोई तस्वीरों को साझा किया है न ही कोई जश्न मनाया है क्योंकि जब तक 67867 की सूची के हर एक साथी को न्याय नहीं मिलता है यह जश्न अधूरा ही है मेरे लिए ।।
एकबारगी को कुछ विरोधियों और भितरघातियों को परे रख भी दूँ तो कोविड के भीसड़ दौर में मैंने स्वयं जिन बड़े भाई #राघवेन्द्रसोमवंशी, #रविपाण्डेय, व #प्रमोदपाठक, के साथ स्वयं का जीवन दांव पर लगाकर इस कटऑफ 60 65 की सुरक्षा हेतु दिन रात एक किया गया बिना उनके साथ के ये सारा जश्न मेरे लिए अधूरा है ।।
मेरे गाँव के ही भाई समान मित्र #पंकजमिश्रा, अयोध्या प्रभारी #प्रदीपदुबे जी जैसे जाने कितने नाम हैं जो इस लड़ाई में आज थोड़ा पिछड़ रहे हैं पर बड़ा दिल रखकर उन्होंने शुभकामनाएं दी खुशी खुशी । ऐसे में मेरा भी इन सबके प्रति फर्ज है और मैं उस से पीछे कभी न हूँ ।।
नियुक्तिपत्र के साथ तस्वीरे और वास्तविक जश्न उसी दिन होगा जिस दिन 67867 की सूची सम्पूर्ण होगी ।
कुछ साथियों ने तमाम बातें सोच डाली है इतने दिनों में उन्हें पुनः कहूंगा #शिवेन्द्रप्रतापसिंह पर भरोसा करिए तो पूरी निष्ठा रखिए अंत तक, अकेले खुद के चयन के लिए मेरा प्रयास कभी न रहा है, मेरा चयन 67867 परिवारों समेत अनगिन दुआओं के आशीर्वाद स्वरूप हुआ है और मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने बेसिक परिवार में अपने उन तमाम साथियों के साथ ही अभिनन्दन स्वीकार करूँ, इसलिए मेरे जो साथी फिलहाल वर्तमान सूची में नहीं हैं मगर 67867 में चयनित हैं वे इंतजार करें 25 तारीख को सर्वोच्च न्यायालय के खुलते ही आदेश के लिए आवश्यक प्रयासों में जो भी वृद्धि सम्भव होगी उस हेतु प्रयास बढ़ाये जाएंगे ।।
कोविड के इस भयावह दौर में वैसे भी सब कुछ सामान्य होने तक और विद्यालय रेगुलर होने तक उम्मीद है आदेश की प्राप्ति के बाद सभी साथी विद्यालयों में पठन पाठन के कार्य को एकसाथ शुरू कर पाएंगे ।। मेरा सारा प्रेम और समपर्ण समर्पित रहेगा उन साथियों के लिए जिन्होंने न तो अपशब्द कहे न मिथ्या आरोप मढ़ने की जल्दबाजी दिखाई ।।
उम्मीद है साथी संयमित रहेंगे और भरोसा बनाये रखेंगे सम्पूर्ण लक्ष्य प्राप्ति के बाद ही ऐतिहासिक जयनाद होगा #रामलला के दरबार मे ।।
मैं कैसे कह दूं कि मेरे मन में व्यथा नहीं...,
पर संघर्षों में पीठ दिखाना मेरे कुल की प्रथा नहीं....।।💯👏🏻