इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक भर्ती 2016 के मामले में माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से पूछा है कि याचियों को प्राविधिक तौर पर साक्षात्कार में शामिल करेगा या नहीं।
कोर्ट ने बोर्ड को अंतिम अवसर देते हुए इस संबंध में 20 अक्तूबर तक जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि याचियों के इस तर्क में बल है कि वर्ष 2000 में कक्षा नौ व दस को अलग कर दिया गया था । कक्षा नौ में तकनीकी आर्ट विषय था लेकिन कक्षा 10 में नहीं था। याचियों को तकनीकी आर्ट का ज्ञान होने के नाते चयन में शामिल होने का अधिकार है। बोर्ड यह नहीं कह सकता कि याची न्यूनतम योग्यता नहीं रखते हैं।यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने मुकेश तिवारी व 16 अन्य की याचिका पर दिया है। याचियों की ओर से मामले में बहस करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा का कहना है कि याची लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हैं। उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया भी गया लेकिन फिर यह कहते हुए उन्हें साक्षात्कार में शामिल नहीं किया गया कि हाईस्कूल में तकनीकी आर्ट की योग्यता नहीं है। इसे याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि पाठ्यक्रम बदलने के कारण याचियों को अयोग्य नहीं माना जा सकता।उन्होंने कक्षा नौ में तकनीकी आर्ट की शिक्षा ली है। विषय का ज्ञान होने के कारण वे न्यूनतम योग्यता रखते हैं। कोर्ट ने बोर्ड को 20 अक्तूबर तक यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि याचियों को साक्षात्कार में बैठने दिया जाएगा या नहीं। कोर्ट ने कहा कि यह अवसर अंतरिम आदेश करने से पहले दिया जा रहा है।