शिक्षक भर्ती की 31277 की सूची में यदि पिछली सूची के हाईमेरिट अभ्यर्थियों का चयन उनके वांछित प्रथम वरीयता के जिले में नहीं हो रहा था तो दूसरे जिले में नियुक्ति की जानी चाहिए थी।
लेकिन हाई मेरिट के बावजूद इनका अभ्यर्थन सिरे से खारिज करना न्यायसंगत नहीं है। इन अभ्यर्थियों को आशंका है कि यदि कटऑफ के मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय शिक्षामित्रों के पक्ष में आता है तो हमेशा के लिए चयन प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने बताया कि आरक्षण नियमों की अनदेखी की शिकायत मिली है। हम अपना पक्ष हाईकोर्ट में रखेंगे।कहां हुईचूकःजानकारों की मानें तो सीट आवंटन में बड़ी चूक हुई है। 31277 की लिस्ट के लिए 50 प्रतिशत (लगभग 15638) अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को हाई मेरिट के आधार पर 67867 में से लिया गया। इसके चलते पूर्व में चयनित अनारक्षित वर्ग के 18 हजार से अधिक अभ्यर्थी बाहर हो गए। उसके बाद 31277 की बची हुई आरक्षित वर्ग की सीटों पर आरक्षण पर आवंटन किया गया। इसका नुकसान यह हुआ कि अनारक्षित वर्ग के जिन 18 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को बाहर किया गया उनमें शामिल आरक्षित वर्ग के हाई मेरिटवाले आवेदक बाहर हो गए और उनसे कम मेरिट वाले ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के छात्रों का चयन हो गया।