प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में मार्च तक शिक्षकों की उपस्थित आनलाइन की जायेगी दर्ज

 बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में मार्च तक शिक्षकों की उपस्थित आनलाइन दर्ज की जायेगी। विभाग की ओर से इस संबंध में तेजी से तैयारियां की जा रही हैं। 

वहीं स्कूलों तक इंटरनेट की व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए ओएफसी केबिल जमीन में डालने का काम भी तेजी से चल रहा है। इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि इंटरनेट की व्यवस्था जनवरी तक स्कूलों में पहुंच जायेगी। इससे शिक्षकों की विद्यालयों में आनलाइन उपस्थित दर्ज करने में आसानी हो जायेगी। साथ ही दीक्षा ऐप, व मिशन प्रेरणा ऐप के संचालन में आसानी होगी। अभी गांवो में इंटरनेट की व्यवस्था न होने के चलते शिक्षकों की ओर से आनलाइन कार्य करने से लेकर उपस्थिति दर्ज किए जाने का विरोध किया जा रहा था। लेकिन अब इंटरनेट का ब्रॉडबैंड सिस्टम आ जाने के बाद इंटरनेट की स्पीड को लेकर कोई बहाना नहीं चल सकेगा। वहीं सरकारी स्कूलों में टैबलेट वितरण किए जाने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू हो जायेगी। अधिकांश जिलों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हालांकि पिछले नवंबर माह में शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने एक सप्ताह में टैबलेट बांटने का दावा था, जो कि अभी तक शुरूआत नहीं हो सकी है, लेकिन अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टैबलेट वितरण कराये जाने की तैयारियां बिल्कुल अंतिम चरण में है।

वहीं इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश चन्द्र द्विवेदी भी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने की जानकारी दे चुके हैं।

अधिकांश शिक्षक समय से स्कूलो में पहुंचते हैं लेकिन जब तक सरकार तबादले की प्रक्रिया पूरी नहीं करेगी तब तक ऐसी समस्याएं आती रहेगी। विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष पीएसपीएसए
शिक्षकों की आनलाइन उपस्थित दर्ज हो अच्छी बात, लेकिन इससे पहले शिक्षकों कातबादलाउनके गृह जनपद किया जाना चाहिए। महिला शिक्षक दूर-दराज से जिलो जाती है उससे समस्याएं होती है।
-महेश मिश्रा, मंडलीय अध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक संघ
ऑनलाइन सेल्फी का हो चुका है जबरदस्त विरोध
इससे पहले शिक्षकों की उपस्थित के लिए आनलाइन सेल्फी व्यवस्था शुरू की गयी थी, जिसके बाद शिक्षकों ने जबरदस्त विरोध जताया था। बाराबंकी में कई शिक्षकों के समय से न पहुंचने को प्रकरणभी सामने आये थे, और उनका वेतन रोका गया था, इस पर तमाम तरह की राजनीति शुरू हुई और शिक्षकों ने भी जबरदस्त विरोध किया। वहीं महिला शिक्षकों ने सेल्फी को लेकर कई तरह के तर्क भी दिए। वहीं शिक्षक नेताओं का कहना था कि मोबाइल के साथ सरकार को इंटरनेट की व्यवस्था मजबूती करनी चाहिए। जिसके बाद शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद की ओर से तैयारियां शुरू की गयी थी।