इलाहाबाद। बीटीसी-2015 चौथे सेमेस्टर का पर्चा आउट होने और पूरी परीक्षा
स्थगित किए जाने के फैसले के बाद बीटीसी प्रशिक्षु भड़क उठे हैं। बीटीसी
प्रशिक्षुओं ने मंगलवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का घेराव
करके सचिव से तत्काल नई परीक्षा की तिथि घोषित करने की मांग की, उन्होंने
कार्यालय के मेन गेट पर ताला लगा दिया।
बाद में पुलिस और परीक्षा नियामक
कार्यालय के अधिकारियों के बीच वार्ता के बाद ताला खोला गया। प्रशिक्षुओं
ने डीएम दफ्तर तक जुलूस निकाल प्रदर्शन भी किया।
बीटीसी का पर्चा आउट
होने और परीक्षा निरस्त करने के निर्णय के बाद सचिव परीक्षा नियामक अनिल
भूषण चतुर्वेदी मंगलवार को अचानक शासन से मंत्रणा करने लखनऊ चले गए।
परीक्षा को लेकर शासन में बैठक के चलते अभी तक विभाग का कोई भी अधिकारी
अथवा कर्मचारी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि आखिर में बीटीसी-2015 की
निरस्त परीक्षा कब होगी। परीक्षा नियामक कार्यालय से कोई आश्वासन नहीं
मिलने से नाराज बीटीसी प्रशिक्षुओं ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी
कर दी। मौके पर पहुंची कर्नलगंज पुलिस ने बीटीसी प्रशिक्षुओं को समझा-बुझा
कर ताला खुलवाया।
छात्रों का कहना था कि जबतक सचिव परीक्षा नियामक उनके
बीच आकर परीक्षा की तिथि घोषित नहीं करते उनका धरना जारी रहेगा। बीटीसी
प्रशिक्षुओं ने दिन में जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन
किया। प्रशिक्षुओं का कहना था कि परीक्षा नियामक कार्यालय के कर्मचारियों
एवं अधिकारियों की गड़बड़ी के चलते पर्चा आउट हुआ। उनका कहना था कि इससे
पहले शिक्षक भर्ती में परीक्षा नियामक की भूमिका सबके सामने आ चुकी है, अब
सरकार को चाहिए कि कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर
सख्त कार्रवाई हो जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो।
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बीटीसी-2015 की परीक्षा जल्द होने के आसार नहीं
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परीक्षा नियामक कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि शासन की पहली
प्राथमिकता में अब उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) है।
आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब शासन चार नवंबर को टीईटी कराने की
तैयारी में लग गया है। टीईटी के बाद शासन की ओर से 1.37 लाख शिक्षकों में
से शेष शिक्षक भर्ती पूरी करने की तैयारी है। उम्मीद है कि टीईटी कराने के
बाद शासन शिक्षक भर्ती की घोषणा कर देगा।
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