इलाहाबाद : तृतीय सेमेस्टर के रिजल्ट में भी विवाद हुआ। छह अभ्यर्थियों
को परीक्षकों ने पूर्णाक से अधिक अंक दे दिए। साथ ही कई मेधावी प्रशिक्षुओं
का कई विषय में बैक पेपर आया है। इस पर सभी कॉपियों की स्क्रूटनी कराने का
आदेश हुआ है। वहीं, इस प्रकरण को कोर्ट में चुनौती दी गई है।
73 हजार अभ्यर्थी अधर में फंसे : चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा आनन-फानन में
कराई जा रही थी। वजह यह थी कि इसके अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती की दिसंबर में
प्रस्तावित परीक्षा में शामिल करने की मांग कर रहे थे। इस परीक्षा में वैसे
तो 76 हजार से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत थे लेकिन, तृतीय सेमेस्टर में करीब
63 हजार से अधिक ही उत्तीर्ण हो सके थे। हालांकि परीक्षा नियामक कार्यालय
ने करीब 73 हजार प्रवेश पत्र जारी किए थे। माना जा रहा था कि चतुर्थ
सेमेस्टर की परीक्षा होने के बाद ये सभी शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में
शामिल होंगे लेकिन, अब परीक्षा निरस्त होने से संकट खड़ा हो गया है।
अभ्यर्थी इसी माह दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं।
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