लॉकडाउन के अगले चरण में मेट्रो चलाने और स्कूल-कालेज खोलने जैसे मामलों में भी राज्यों को ही निर्णय लेना होगा। राज्य धर्मस्थलों को खोलने के बारे में भी निर्णय ले सकते हैं। लॉकडाउन के तौर-तरीकों पर अब हर पखवारे समीक्षा होगी जहां राज्यों को अपने अधिकार क्षेत्र में उठाए गए कदमों के बारे में बताना होगा। उल्लेखनीय है कोरोना की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। फिर इसे पहले 3 मई तक और फिर 17 मई तक और बाद में 31 मई तक बढ़ा दिया गया।
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हालांकि कोरोना के काबू में न आने पर एक बार फिर लॉकडाउन के आसार बन रहे हैं। इस संदर्भ में राज्यों की राय जानने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। सूत्रों के अनुसार शाह ने मुख्यमंत्रियों से जानना चाहा कि उनकी चिंताएं क्या हैं, और वे पहली जून से अपने राज्यों में किन क्षेत्रों में रियायतें दे सकते हैं।
खास बात यह है कि लॉकडाउन बढ़ाने के मुद्दे पर अब तक प्रधानमंत्री खुद मुख्यमंत्रियों से बातचीत करते रहे हैं जबकि इस बार गृहमंत्री ने चर्चा की। पीएम व सीएम की पूर्व में हुई चर्चाओं के बीच गृहमंत्री भी हमेशा मौजूद रहे। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ऐसा समझा जा रहा है ज्यादातर मुख्यमंत्री लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं।
हालांकि कोरोना के काबू में न आने पर एक बार फिर लॉकडाउन के आसार बन रहे हैं। इस संदर्भ में राज्यों की राय जानने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। सूत्रों के अनुसार शाह ने मुख्यमंत्रियों से जानना चाहा कि उनकी चिंताएं क्या हैं, और वे पहली जून से अपने राज्यों में किन क्षेत्रों में रियायतें दे सकते हैं।
खास बात यह है कि लॉकडाउन बढ़ाने के मुद्दे पर अब तक प्रधानमंत्री खुद मुख्यमंत्रियों से बातचीत करते रहे हैं जबकि इस बार गृहमंत्री ने चर्चा की। पीएम व सीएम की पूर्व में हुई चर्चाओं के बीच गृहमंत्री भी हमेशा मौजूद रहे। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ऐसा समझा जा रहा है ज्यादातर मुख्यमंत्री लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं।