न्यायालय और आला अफसरों का आदेश प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा अधिकारी नहीं मान रहे हैं। इसीलिए एक चौथाई जिलों में विज्ञान व गणित का शिक्षक बनने की प्रक्रिया में अधर में लटकी है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने में आनाकानी कर रहे हैं। उनका तर्क है कि निर्देश स्पष्ट न होने से आखिर कैसे नियुक्ति पत्र बांट सकते हैं। दर्जनों युवाओं को इस संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय भेजा गया है तो कई बीएसए खुद गाइड लाइन मांग रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में 29334 विज्ञान/गणित शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया 2013 से चल रही है। इसमें प्रोफेशनल अभ्यर्थियों का प्रकरण हाईकोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने पिछले दिनों उन्हें तैनाती का आदेश दिया है।
इस पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को आदेश जारी करके प्रोफेशनल डिग्री धारकों को भी नियुक्ति पत्र देने का आदेश दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि इसके बाद भी बहराइच, बांदा, भदोही, आगरा, औरैया, फीरोजाबाद, बरेली, गाजीपुर, चित्रकूट, फरुखाबाद, वाराणसी, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, अमेठी, चंदौली, एटा, लखीमपुर आदि जिलों में नियुक्ति पत्र नहीं बांटा जा रहा है। दरअसल वहां पहुंचे प्रोफेशनल अभ्यर्थी जिन विषयों के आधार पर नियुक्ति पाना चाहते हैं उसका विषय सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश पत्र में जिक्र नहीं है।
ऐसे ही तमाम प्रकरण हैं। तीन दिन के अवकाश के बाद सोमवार को शिक्षा निदेशालय खुला तो सचिव कार्यालय के सामने अभ्यर्थियों का बड़ा जमावड़ा था। उनका कहना था कि संबंधित जिलों के बीएसए ने कहा कि हम लोग सचिव से संशोधित आदेश लेकर आएं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि निर्देशों में अस्पष्टता से समस्या आ रही है। ताज्जुब यह है कि जिन विषयों पर उच्चतम न्यायालय ने मुहर लगाई है, उन विषयों वाले अभ्यर्थियों को भी बीएसए नियुक्ति पत्र नहीं दे रहे हैं। सचिव कार्यालय की ओर से कई जिलों को इस संबंध में संशोधित आदेश भेजे भी गए हैं।
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