सोनभद्र: यूपीटीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक
राबर्ट्सगंज स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में बुधवार को हुई। इसमें दो से
चार अक्टूबर तक दिल्ली के जंतर-मंतर में होने वाले आंदोलन में महात्मा
गांधी के करो या मरो के नारे को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।
इसके पहले संगठन से जुड़े लोगों ने जुलूस निकाला।
इस दौरान जिलाध्यक्ष संदीप तिवारी ने बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाते हुए अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली कूच करने की अपील संबंधितों से की गई। उन्होंने कहा कि उनके संगठन का उद्देश्य किसी की रोजी रोटी छिनना नहीं है बल्कि शिक्षा विभाग को राजनीति से मुक्त कराना है। किसी समूह का नाम न लेते हुए उन्होंने कहा कि हमारे कुछ लोग ऐसे भी है जो हाईकोर्ट के फैसले पर आपत्ति होने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बजाय शिक्षा विभाग की सर्वोच्च संस्था एनसीटीई पर अंगुली उठा रहे और पुतला फूंक रहे हैं। वे यह भूल गए हैं कि एनसीटीई कोई राजनीतिक संगठन नहीं है। हैरत की बात तो यह है कि वोट की राजनीति कर रही प्रदेश सरकार ऐसे लोगों का साथ दे रही है। जिला उपाध्यक्ष आशीष पांडेय ने कहा कि मोर्चा 72 हजार 825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को जिस तरीके से सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष करके हासिल किया है, उसी तरह प्रदेश में रिक्त पड़े चार लाख 86 हजार शिक्षकों की भर्ती आरटीई एक्ट के तहत बीएड व बीटीसी टेट पास बेरोजगारों को उनका अधिकार दिला कर ही दम लेगा। चेतावनी दी गई कि यदि प्रदेश सरकार के सह पर केंद्र सरकार ने भी कोई आपत्तिजनक राजनीतिक हस्तक्षेप किया तो आने वाले 2017 के चुनाव में दोनों दलों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस मौके पर रत्नेश तिवारी, योगेश ¨सह, रजनीकांत, शैलेंद्र पांडेय, सर्वेश त्रिपाठी, मनीष पांडेय, गोपाल जी शुक्ला, कृष्णकांत शुक्ला, राजेश पांडेय आदि उपस्थित थे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इसके पहले संगठन से जुड़े लोगों ने जुलूस निकाला।
इस दौरान जिलाध्यक्ष संदीप तिवारी ने बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाते हुए अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली कूच करने की अपील संबंधितों से की गई। उन्होंने कहा कि उनके संगठन का उद्देश्य किसी की रोजी रोटी छिनना नहीं है बल्कि शिक्षा विभाग को राजनीति से मुक्त कराना है। किसी समूह का नाम न लेते हुए उन्होंने कहा कि हमारे कुछ लोग ऐसे भी है जो हाईकोर्ट के फैसले पर आपत्ति होने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बजाय शिक्षा विभाग की सर्वोच्च संस्था एनसीटीई पर अंगुली उठा रहे और पुतला फूंक रहे हैं। वे यह भूल गए हैं कि एनसीटीई कोई राजनीतिक संगठन नहीं है। हैरत की बात तो यह है कि वोट की राजनीति कर रही प्रदेश सरकार ऐसे लोगों का साथ दे रही है। जिला उपाध्यक्ष आशीष पांडेय ने कहा कि मोर्चा 72 हजार 825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को जिस तरीके से सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष करके हासिल किया है, उसी तरह प्रदेश में रिक्त पड़े चार लाख 86 हजार शिक्षकों की भर्ती आरटीई एक्ट के तहत बीएड व बीटीसी टेट पास बेरोजगारों को उनका अधिकार दिला कर ही दम लेगा। चेतावनी दी गई कि यदि प्रदेश सरकार के सह पर केंद्र सरकार ने भी कोई आपत्तिजनक राजनीतिक हस्तक्षेप किया तो आने वाले 2017 के चुनाव में दोनों दलों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस मौके पर रत्नेश तिवारी, योगेश ¨सह, रजनीकांत, शैलेंद्र पांडेय, सर्वेश त्रिपाठी, मनीष पांडेय, गोपाल जी शुक्ला, कृष्णकांत शुक्ला, राजेश पांडेय आदि उपस्थित थे।
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