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सामान्य, ओबीसी 33 व एससी-एसटी 30 फीसद अंक पाकर उत्तीर्ण होंगे

परिषदीय स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा 2018 में योगी सरकार ने शिक्षामित्रों व अन्य अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है. अब लिखित परीक्षा में सामान्य व पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी 33 फीसद और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी महज 30 फीसद अंक पाकर परीक्षा उत्तीर्ण कर सकेंगे.
सरकार ने लिखित परीक्षा के चार दिन पहले संशोधित शासनादेश जारी किया है. इस कदम से परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों की तादाद बढ़ना तय माना जा रहा है.

शिक्षामित्र कर रहे थे विरोध
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा 27 मई को सुबह 10 से एक बजे तक प्रस्तावित है. शासन ने पहले इस परीक्षा के लिए सामान्य व पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थी को 67/150 यानि 45 फीसद या अधिक और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति जनजाति अभ्यर्थी को 60/150 यानि 40 फीसद या अधिक मिलने पर उत्तीर्ण करने का प्रावधान किया था. शिक्षामित्र व अन्य अभ्यर्थी इस उत्तीर्ण प्रतिशत का विरोध कर रहे थे, क्योंकि उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि टीईटी का सफलता प्रतिशत परेशान कर रहा था. गौरतलब है कि टीईटी 2017 में महज 11 फीसद अभ्यर्थी उत्तीर्ण हो सके थे. अभ्यर्थियों का कहना था कि यह परीक्षा ओएमआर शीट पर नहीं हो रही है, अति लघु उत्तरीय प्रश्नों पर आधारित यह परीक्षा अनूठी है. इसलिए उत्तीर्ण अंक घटाया जाए. सरकार ने इसका संज्ञान लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव से नया प्रस्ताव पिछले दिनों मांगा था.

बदलाव का आदेश जारी

अब विशेष सचिव एस राजलिंगम ने लिखित परीक्षा के उत्तीर्ण अंकों में बदलाव का आदेश जारी किया है. इसके तहत अब सामान्य व पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी 49/150 यानि 33 फीसद और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी 45/150 यानि 30 फीसद या उससे अधिक अंक पाकर उत्तीर्ण हो सकेंगे. इतने अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को सफल होने का प्रमाणपत्र भी जारी किया जाएगा. इस बदलाव के अलावा शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के संबंध में नौ जनवरी 2018 को जारी शासनादेश में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने संशोधित प्रस्ताव में सभी अभ्यर्थियों को 33 फीसद अंक होने पर उत्तीर्ण करने का सुझाव दिया था लेकिन, शासन ने एससी व एसटी को तीन फीसद और राहत दे दी है

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