मिर्जापुर। सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने से बड़ी संख्या में
शिक्षामित्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। आर्थिक तंगी के दौर से गुजर
रहे इन शिक्षामित्रों के परिवार के सदस्य भी बदहाल हैं।
सरकार संशोधित
अध्यादेश लाकर सहायक अध्यापक पद पर संबंधित शिक्षामित्रों को बहाल करे। ये
बातें आदर्श समायोजित शिक्षक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष
अजय धर दुबे ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परसिर में शिक्षामित्रों के धरना
प्रदर्शन के दूसरे दिन आयोजित सभा में कहीं।
उन्होंने कहा कि प्रांतीय अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने भाजपा के वरिष्ठ
नेताओं, मंत्रियों और सांसदों से अपनी व्यथा कही है। भाजपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष अमित शाह ने संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों की समस्याएं तीन माह के
अंदर दूर करने का आश्वासन दिया था लेकिन प्रदेश सरकार बने 15 माह हो गए
लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। जिलामंत्री दिनेश कुमार सिंह
ने कहा कि शिक्षामित्रों के लिए संशोधित अध्यादेश लाकर पुन: सहायक अध्यापक
पद पर बहाल किया जाए या भारत का राजपत्र 10 अगस्त 2019 को लागू किया जाए।
समान कार्य के बदले समान वेतन के आधार पर वेतन लागू किया जाए। 62 वर्ष की
सेवा के लिए नियमावली बनाई जाए। कहा कि एनसीटीई में शिक्षामित्रों को शामिल
करते हुए संशोधित अध्यादेश लाकर टीईटी से छूट दिया जाए। मंडलीय मंत्री
विनोद सरोज ने कहा कि कहा कि वाराणसी, एटा, कुशीनगर और इलाहाबाद में
शिक्षामित्रों पर किए गए फर्जी मुकदमों को वापस लिया जाए। इस दौरान आदिशंकर
दूबे, विनय सिंह, दिनेश सिंह, इंद्र बहादुर, दुर्गा सिंह, दिलीप सिंह,
अशोक राय, रविशंकर शुक्ल, संदीप शर्मा, वीडी त्रिपाठी, सुनीता पाल,
कृपाशंकर यादव, ललिता यादव, कुसुम, विमलावती, राजा सिंह, राम गोपाल यादव,
महेश उपाध्याय, परितोष दूबे, अशोक यादव, राजेश मिश्रा, तुलसीदास, राज कुमार
सिंह, धनंजय, वंदना, विष्णु मिश्रा, राजेंद दुबे, दयाशंकर यादव आदि मौजूद
रहे।
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