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न्याय मिलने तक जारी रहेगा शिक्षामित्रों का आंदोलन

इलाहाबाद : आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर के बैनर तले सोमवार को समान वेतन की मांग को लेकर शिक्षामित्रों ने आंदोलन शुरू किया। सर्व शिक्षा अभियान दफ्तर पर शिक्षामित्रों ने बुद्धि-शुद्धि यज्ञ कर सरकार की सद्बुद्धि की कामना की।
सभा की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी व संचालन जिला मंत्री अरुण कुमार सिंह ने की। सभा को मुख्य रूप से शारदा शुक्ला, अभिनव त्रिपाठी, राजेश गौतम, राकेश शुक्ला, इकबाल बहादुर, विवेक मिश्र, जमाल अहमद, सुभाष यादव, मधुकर सरन, टीटू जायसवाल, मनीष पांडेय आदि ने संबोधित किया। सभी ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी ने कहा कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद समायोजन निरस्त होने के बाद प्रांतीय संगठन की वार्ता में सरकार ने वादा किया था कि समस्या का सम्मानजनक हल निकाला जाएगा पर अभी तक कुछ नहीं हुआ। अब तक प्रदेश में 600 शिक्षामित्रों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी है। सरकार फिर भी नहीं जाग रही है। ऐसे में हम एक बार फिर से आंदोलन को बाध्य होंगे। वक्ताओं ने सरकार से इस मसले पर ठोस निर्णय लेने, उत्तराखंड की तरह चार वर्ष का समय तथा आरटीई एक्ट के पैरा चार में संशोधन कर टीईटी से छूट देने की मांग की। शिक्षामित्रों को समाजवादी पार्टी सरकार ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित कर दिया था। उन्हें सहायक अध्यापक का वेतन भी निर्गत होने लगा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों का समायोजन सरकार को रद करना पड़ा। इसके बाद प्रदेशभर में शिक्षामित्रों का उग्र आंदोलन सरकार को झेलना पड़ा। कई शिक्षामित्रों की जान भी गई।

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