इलाहाबाद : यूपीपीएससी से हुई भर्तियों की सीबीआइ जांच में फंस रहे पीसीएस अफसर, जांच अधिकारियों का सामना करने से कतरा रहे हैं।
दिल्ली मुख्यालय से समन भेजे जाने के बाद पीसीएस 2015 परीक्षा में जाति और अपनी पहुंच का बेजा इस्तेमाल कर गलत तरीके से चयनित लोगों ने सीबीआइ के सामने हाजिर होने की बजाए नए-नए हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया है। टॉप सूची में शामिल रहे चयनित भी सीबीआइ के दिल्ली मुख्यालय नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में अब सीबीआइ की विशेष टीमें कड़े तेवर अपनाने की तैयारी में हैं।1सीबीआइ ने पिछले हफ्ते ही पीसीएस 2015 परीक्षा की टॉप सूची में शामिल तीन पीसीएस अफसरों समेत एक दर्जन अधिकारियों, आयोग के अधिकारियों व कर्मचारियों को समन भेजा था। इन्हें मुख्यालय बुलाया गया था। यूपीपीएससी के तो कई अधिकारी पहुंचे लेकिन, जिन पीसीएस अफसरों के गलत चयन के सभी साक्ष्य सीबीआइ के पास मौजूद हैं उन्होंने समन मिलने के बाद भी बहानेबाजी की। सूत्रों की बात मानें तो इनमें किसी ने बीमारी और किसी ने शासकीय कार्यो में ड्यूटी लगी होने का हवाला दिया। इन सभी से इसी हफ्ते पूछताछ होनी थी। हालांकि दो-तीन पीसीएस अफसरों से पूछताछ हो भी चुकी है। जिनकी ओर से बहानेबाजी हुई उन पर कड़ाई से पेश आने के लिए सीबीआइ की विशेष टीम तैयार है। कुछ संदिग्ध चयनित राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्रियों का भी सहारा लेने की जुगत में हैं। 1गौरतलब है कि पीसीएस 2015 परीक्षा में करीब एक सौ चयनितों की सीबीआइ अधिकारी जांच कर रहे हैं। इनकी कापियों में स्केलिंग, मॉडरेशन में गड़बड़ी पाई गई है। सीबीआइ यह पुष्ट करने की कोशिश में है कि एक ही जाति के कई अभ्यर्थियों का चयन कैसे हुआ और कापियों में गड़बड़ी, विशेष तरह के पहचान चिह्न् बनाने के पीछे आखिर क्या मकसद था