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फर्जी शिक्षकों का मामला एक बार फिर गर्माया

मैनपुरी। परिषदीय स्कूलों में फर्जी शिक्षकों का मामला एक बार फिर से गर्मा गया है। एसआईटी के महानिदेशक के पत्र पर बहराइच में शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद मैनपुरी के भी शिक्षकों में दहशत देखी जा रही है। बहराइच में बर्खास्त हुए 12 शिक्षकों में से तीन का मैनपुरी से भी संबंध है। दो यहां के मूल निवासी हैं तो एक की यहां किशनी थाना क्षेत्र में तैनाती है।

वर्ष 2017 में एसआईटी ने मैनपुरी में आकर डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से वर्ष 2005 से लेकर 2012 तक के बीएड डिग्री धारकों की जांच की थी। डायट भोगांव से शिक्षकों का सारा डाटा एसआईटी अपने साथ ले गई थी। एसआईटी ने फर्जी बीएड के अंकपत्र के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की सूची तत्कालीन बीएसए को भेजी थी। तत्कालीन बीएसए ने सूची से जांच कराई तो जनपद में 82 शिक्षकों के बीएड के अंकपत्र फर्जी निकले थे। इसके बाद बीएसए ने इन शिक्षकों को निलंबित करते हुए इन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया था। इसके बाद ये शिक्षक हाईकोर्ट चले गए थे और हाईकोर्ट ने उनकी बर्खास्तगी पर स्टे दे दिया था।

एक बार फिर से फर्जी शिक्षक बर्खास्तगी का मामला गर्मा गया है। अपर पुलिस महानिदेशक एसआईटी ने डा.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से वर्ष 2005 में बीएड करने वाले जनपद बहराइच के 12 शिक्षकों के बीएड के अंकपत्र फर्जी बताते हुए कार्रवाई के लिए बीएसए बहराइच को पत्र लिखा था। इसके बाद बीएसए बहराइच ने 12 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। इन शिक्षकों में मैनपुरी के शिवसिंह टोडरपुर निवासी मनीश कुमार और हविलिया उरथान निवासी रीना सिंह भी शामिल हैं। इन दोनों की तैनाती बहराइच में ही है। जबकि मैनपुरी के किशनी थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पृथ्वीतालपुर पर तैनात प्रधानाध्यापक वीरबहादुर सिंह भी शामिल हैं।

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