आजमगढ़: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकारी स्कूलों की
तस्वीर बदलने की कोशिश कर रही है. इसके लिए प्रदेश के कई सरकारी प्राथमिक
विद्यालयों को कॉन्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी भाषा का भी किया गया है लेकिन
योगी की इन सारी योजनाओं को शिक्षक ही पतीला लगा रहे हैं.
जब शिक्षक वक्त पर आएंगे ही नहीं तो कैसे
पढ़ाई होगी. आजमगढ़ के प्राथमिक विद्यालय उजाउर अहिरनवां में सुबह 7:30 बजे
से 9:00 बजे तक कोई अध्यापक नहीं पहुंचे. छात्र इन्तजार करते रहे लेकिन
तीनों गुरु जी गायब मिले. हाल ये है कि जो स्कूल 7 बजे शुरू होना चाहिए वो 9
बजे खुलता है और 12 बजे बंद हो जाता है
अजाउर के प्राथमिक विद्यालय में 106 छात्र
पढ़ते हैं और उनको पढ़ाने का काम तीन शिक्षकों के हवाले है. लेकिन जब जनमन
टीवी की टीम विद्यालय पहुंची तो तीनों में से कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं था.
7 बजे स्कूल को खुलना होता है और मास्टर साहब 9 बजे पहुंचे. और पहुंचते ही
घर दूर होने का बहाना बनाने लगे.
शिक्षकों की लेटलतीफी के मामले में शिक्षा
विभाग के अधिकारी कार्रवाई की बात कर रहे हैं लेकिन जांच कमेटी बनाकर.
हालांकि अधिकारी कह रहे हैं कि छात्रों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़
बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.सरकारी स्कूलों की बदतर हालत किसी से छिपी नहीं
है. जो भी फीस भर सकता है वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूल नहीं भेजना
चाहता. इस स्थिति के पीछे सिर्फ और सिर्फ लापरवाह गुरू जी और सोता प्रशासन
जिम्मेदार है.
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