इलाहाबाद HC: 12460 टीचरों की भर्ती में शिक्षामित्रों ने मांगा वेटेज

उत्तर प्रदेश के 12,460 सहायक अध्यापकों की भर्ती में शिक्षामित्रों ने भी वेटेज की मांग की है. शिक्षामित्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि याचीगण समायोजित सहायक टीचर थे. अब भी शिक्षामित्र के तौर पर वे पढ़ा रहे हैं. प्रदेश में 12,460 सहायक अध्यापकों की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उनको वेटेज दी जानी चाहिए.


नन्द किशोर और सोलह अन्य की याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी है. याचिका पर 3 मई को सुनवाई होगी.  याची के अधिवक्ता का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने शिवकुमार पाठक केस में निर्देश दिया है कि शिक्षामित्रों के अनुभव को देखते हुए उनको आयु सीमा में छूट और वेटेज दिया जाए.

उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 12,460 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया 11 अप्रैल 2018 से प्रारंभ हुई है. चूंकि यह नई भर्ती है इसलिए शिक्षामित्रों को इसमें अंकों का वेटेज दिया जाए. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या सरकार का शिक्षामित्रों को वेटेज देने के संबंध में कोई प्रस्ताव है. याचिका पर कोर्ट 3 मई को सुनवाई करेगी.

इससे पहले अपनी मांगों को लेकर शिक्षामित्रों के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी. एनेक्सी में हुई मुलाकात के बाद शिक्षामित्र काफी आश्वस्त नजर आए. शिक्षामित्रों का कहना था कि उनकी सीएम से मुलाकात काफी सकारात्मक रही है. उम्मीद है कि उनकी समस्या का जल्द ही समाधान होगा.

25 जुलाई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया गया था. तभी से शिक्षामित्र अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षामित्रों ने बताया कि उन्होंने सीएम के सामने मांग रखी है कि उनको पैराटीचर बनाया जाए. इसके अलावा जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें बिना लिखित परीक्षा के नियुक्ति दी जाए.

उन्होंने बताया कि समायोजन रद्द होने के बाद से कई शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है. उन सभी को मुआवजा देने के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. इसके अलावा असमायोजित शिक्षामित्रों के लिए भी सरकार कोई समाधान निकाले.

शिक्षामित्र उमा देवी ने बताया​ कि उन्हें सीएम ने आश्वासन दिया है कि सरकार ऐसा समाधान निकालेगी कि कोई उसे कोर्ट में चुनौती न दे. शिक्षामित्रों की बात से तो ऐसा नजर आता है कि योगी सरकार शिक्षामित्रों के मामले में भी नरम रुख अख्तियार कर रही है.