लखनऊः यूपी में
खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षकों (बीपीएड) की भर्ती पर लगी रोक के बाद अब
बीपीएड डिग्रीधारको का गुस्सा प्रदेश सरकार के खिलाफ फूट पड़ा है।
प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों का कहना है कि प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद शिक्षकों के काफी पद खाली पड़े हैं बावजूद सरकार ने शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाई है। जिसके कारण कई अभियर्थियों की आयु सीमा बीपीएड भर्ती के लिए निर्धारित आयु सीमा से ज्यादा हो गई है जो अब इसके लिए अयोग्य है।
बता दें कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 19 सितंबर 2016 को यूपी में 32,022 खेलकूद शिक्षकों की भर्ती निकाली गई।जिसमें 7000 हजार रुपये मासिक वेतन देने की बात कही गई थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने इस भर्ती पर रोक लगाकर इन बेरोजगार बीपीएड धारकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
मामले को लेकर हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर सैंकड़ों की संख्या में बीपीएड डिग्रीधारकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया की इससे पहले भी बीपीएड डिग्रीधारक लखनऊ में कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।
बीपीएड भर्ती के लिए सीएम और शिक्षामंत्री से भी कई बार गुहार लगाई जा चुकी है बावजूद मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विभाग की तरफ से सिर्फ आश्वासन दिया जाता है कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया बहाल की जाएगी।
जब बीपीएड डिग्रीधारकों ने कोर्ट की शरण ली तो कोर्ट ने मामले में संज्ञान में लेकर उम्मीदवारों के पक्ष में आदेश सुनाया था। आदेश के बावजूद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को बहाल नहीं किया।
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प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों का कहना है कि प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद शिक्षकों के काफी पद खाली पड़े हैं बावजूद सरकार ने शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाई है। जिसके कारण कई अभियर्थियों की आयु सीमा बीपीएड भर्ती के लिए निर्धारित आयु सीमा से ज्यादा हो गई है जो अब इसके लिए अयोग्य है।
बता दें कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 19 सितंबर 2016 को यूपी में 32,022 खेलकूद शिक्षकों की भर्ती निकाली गई।जिसमें 7000 हजार रुपये मासिक वेतन देने की बात कही गई थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने इस भर्ती पर रोक लगाकर इन बेरोजगार बीपीएड धारकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
मामले को लेकर हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर सैंकड़ों की संख्या में बीपीएड डिग्रीधारकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया की इससे पहले भी बीपीएड डिग्रीधारक लखनऊ में कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।
बीपीएड भर्ती के लिए सीएम और शिक्षामंत्री से भी कई बार गुहार लगाई जा चुकी है बावजूद मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। विभाग की तरफ से सिर्फ आश्वासन दिया जाता है कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया बहाल की जाएगी।
जब बीपीएड डिग्रीधारकों ने कोर्ट की शरण ली तो कोर्ट ने मामले में संज्ञान में लेकर उम्मीदवारों के पक्ष में आदेश सुनाया था। आदेश के बावजूद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को बहाल नहीं किया।
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