नियुक्ति की मांग को लेकर बीपीएड शिक्षकों का प्रदर्शन

लखनऊ। समाजवादी पार्टी की सरकार में शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद के महत्व को देखते हुए 19 सितंबर 2016 को प्रदेश के 32,022 शिक्षकों के लिए प्राथमिक विद्यालयों में 7000 हजार रुपये पर संविदा के तहत भर्ती निकाली गई थी। मगर, सत्ता परिवर्तन के बाद योगी सरकार ने इस पर 23 मार्च 2017 को रोक लगा दी थी, जिसके बाद लगातार अभ्यर्थियों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसी क्रम में बुधवार को राजधानी में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर सैकड़ों की संख्या में बीपीएड उपाधिधारकों ने एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के कहना है हजारों की संख्या में बीपीएड उपाधिधारक लगातार लखनऊ की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई बार धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, विभागीय अधिकारियों से मिलकर बात भी कर चुके हैं लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। हमें बस आश्वासन दिया गया कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया बहाल की जाएगी, लेकिन समय बीतने के बाद भी भर्ती को बहाल नहीं किया गया।

उन्‍होंने कहा कि इसके बाद बीपीएड उपाधिधारकों ने कोर्ट की शरण ली तो उच्च न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अभ्यर्थियों के पक्ष में आदेश सुनाया था कि दो महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए, लेकिन उसके बाद भी प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को बहाल नहीं किया।

इसके बाद सरकार ने डबल बेंच कोर्ट में याचिका दी जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि दो महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करें, लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद भी छह महीने बीतने के बाद अभी तक नियुक्त पत्र नहीं दिया गया। इसी के चलते अभ्यर्थी योगी बाबा होश में आओ के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।