बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों को योगी सरकार ने बड़ा झटका दिया

लखनऊ। प्रदेश के बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों को योगी सरकार ने बड़ा झटका दिया है। अभ्यर्थियों को बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात के लिए बुलाया था।
अभ्यर्थियों की बातो को मानें तो मुख्यमंत्री ने मुलाकात में साफ कह दिया है कि उनको भर्ती चाहिए तो शिक्षक भर्ती परीक्षा देनी ही होगी। इसके चलते अभ्यर्थियों में नाराजगी है। अभ्यर्थियों ने साफ कहा कि अगर उन्हें राहत नहीं मिली तो आगामी चुनाव में वह बीजेपी का विरोध करेंगे।
बता दें बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थी लंबे समय से अपनी नियुक्ति की मांग लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कई बार इन्हें पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी। दरअसल बीएसपी सरकार जाने से पहले नवंबर 2011 में बेसिक शिक्षा विभाग में 72825 पदों पर शिक्षक भर्ती आई। ये भर्ती टीईटी के आधार पर होनी थी। लेकिन भर्ती पूरी होने से पहले ही सूबे में सपा सरकार आ गई। सपा ने इस भर्ती को रोक लगाकर दिसंबर, 2012 में इन्हीं 72,825 पदों पर ही नई शिक्षक भर्ती निकाली। नई भर्ती में नियम बदलकर इसे टीईटी की जगह अकादमिक मेरिट के आधार पर करने का फैसला हुआ। इसके चलते दोनों भर्तियां कोर्ट में जाकर फंस गईं।
बाद में कोर्ट के आदेश से बीएसपी शासनकाल की भर्ती को आगे बढ़ाया गया और कोर्ट के अंतरिम आदेशों के तहत करीब 66,655 अभ्यर्थियों की भर्ती भी हुई, जबकि बाकी भर्तियां अब भी बाकी हैं। इसके बाद सूबे में बीजेपी सरकार आ गई। 25 जुलाई 2017 को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश में सपा के कार्यकाल में आई 72,825 पदों की भर्ती के लिए राज्य सरकार को फैसला लेने की छूट दे दी गई। इस पर वर्तमान सरकार अब तक फैसला नहीं ले पाई है। इस मामले में डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बनी उच्च स्तरीय कमेटी काम कर रही है।

अभ्यर्थियों के अनुसार सीएम योगी ने उनसे कहा कि अब जो भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, उसी के तहत आना होगा। सभी को परीक्षा देनी होगी। हालांकि इन अभ्यर्थियों को परीक्षा में उम्र या अन्य किसी तरह से राहत दी जा सकती है या नहीं इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग को मंथन करने के निर्देश दिए गए हैं।