नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में इस महीने के अंत तक या अगले माह जनवरी में कोरोना का टीका उपलब्ध हो जाएगा और इसे आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकेगी। जनवरी के अंत या फरवरी के शुरुआत में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत के पास दो-तीन टीके के विकल्प है।
एम्स निदेशक ने बताया कि पूरे देश को टीकाकरण की जरूरत नहीं है, क्योंकि 50 से 60 फीसद आबादी का टीकाकरण करने के बाद कोरोना वायरस की चेन टूट सकती है। उन्होंने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के टीके का तीसरे चरण में ट्रायल चल रहा है। इस महीने के अंत तक ये उपलब्ध हो जाने चाहिए और नए साल की शुरुआत में इसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल जानी चाहिए। रूस में निर्मित टीके का भी ट्रायल चल रहा है। फरवरी तक उसे मंजूरी मिल सकती है, जिससे हमारे पास ज्यादा विकल्प और ज्यादा खुराक उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के प्रशिक्षण पर काम चल रहा है। जिन लोगों को टीका सबसे पहले लगाया जाएगा, उसकी सूची तैयार की जा रही है। पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक तीन हफ्ते बाद दी जाएगी, उसके लिए भी तैयारी की जा रही है, ताकि दूसरी खुराक न छूटे। टीकाकरण का पहला मकसद मौतों को रोकना है।