उत्तर प्रदेश में चल रही 69,000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में सरकार की तरफ से दिव्यांगों के साथ में भेदभाव किया जा रहा है। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उनका हक मारा जा रहा है।
इस भर्ती में हक मारे जाने से परेशान होकर आखिरकार आज विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर दर्जनों की संख्या में दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) ने प्रदर्शन किया। आज एससीईआरटी कार्यालय के सामने पहुंचकर अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) प्रदर्शन किया और अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) का कहना है कि जब तक हम लोगों की बात को नहीं सुना जाएगा, तब तक हम लोग ऐसे ही बैठे रहेंगे।बता दें, इस शिक्षक भर्ती में एक तरफ जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में चल रहे केस में सरकार के वकीलों की तरफ से गुमराह किया जा रहा है, तो भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उन्हें मौका ही नहीं दिया गया है। दिव्यांगों (Disabled Candidates) के हित में सरकार की तरफ से आने वाले आदेशों का लाभ इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में देखने को नहीं मिल रहा है। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) की तरफ से दिव्यांगों (Disabled Candidates) को पूर्ण आरक्षण भी नहीं दिया गया है। ऐसे में दिव्यांग अभ्यर्थी (Disabled Candidates) 4 प्रतिशत आरक्षण न मिलने की वजह से बहुत ही परेशान है। अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) की तरफ से इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) को लेकर कई बार ज्ञापन भी दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाएं गए हैं।
ऐसे में अब विभाग (Basic Education Department) की मनमानी पर आज दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) ने लखनऊ में एससीईआरटी (SCERT) कार्यालय के सामने आकर धरना-प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) ने आज लखनऊ में एकत्रित होकर अपना हक मांगा। आज प्रदर्शन कर रहे दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से हम लोगों को 2016 में ही 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने का ऐलान किया गया है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सितंबर 2018 में 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने का अध्यादेश पास कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी हम लोगों को इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) को पूरा आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। सरकार की तरफ से चार प्रतिशत आरक्षण न दिए जाने की वजह से हजारों अभ्यर्थी (Disabled Candidates) इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) से बाहर हो गए हैं। विभाग की तरफ से दिव्यांगों का हक मारकर इनकी जगह पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को लाभ दिया गया हैं।
इस तरह दिया आरक्षण का लाभ
69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) की तरफ से जारी आरक्षण की व्यवस्था को न मानते हुए पुराने ही नियमों को लागू किया है। सरकार की तरफ से पुराने नियमों के हिसाब से ही भर्ती किए जाने की वजह से अभ्यर्थी बहुत ही नाराज है। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) को बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Department) की तरफ से महज तीन प्रतिशत ही आरक्षण दिया गया है। अभ्यर्थियों की तरफ से ऐसा कहते हुए कोर्ट में गुहार लगाई गई थी। अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच दोनों ही जगह पर याचिका दाखिल की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी चल रहा है मामला
69 हजार शिक्षक
भर्ती (69000 Assistant Teachers) में दिव्यांगों (Disabled Candidates) को
4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है। आरक्षण का लाभ न मिलने की वजह
से दिव्यांगों (Disabled Candidates) में काफी नाराजगी देखी जा रही है। इस
मुद्दे को लेकर कोर्ट गए हैं। आरक्षण का लाभ दिलाए जाने के लिए कोर्ट
(Allahabad High Court) में दिव्यांगों (Disabled Candidates) की तरफ से कई
केस किए गए हैं। इस मुद्दे पर एक के बाद एक तारीख हो रही है, लेकिन अभी तक
सरकार (UP Government) की तरफ से जवाब नहीं दिया गया है। 4 फीसदी आरक्षण
लाभ दिए जाने के मामले में राज्य सरकार (UP Government) का जवाब पेश न किए
जाने पर सख्त रुख अख्तियार किया है।
इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने यह आदेश याची राम किशोर सहित कई अन्य दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) की याचिका पर दिया गया है। इस मुद्दे पर याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सहायक अध्यापकों (69000 Assistant Teachers) के लिए हो रही भर्ती में दिव्यांगों (Disabled Candidates)को नियमानुसार 4 प्रतिशत का आरक्षण लाभ दिया गया है। इस मुद्दे पर दिव्यांगों (Disabled Candidates) की तरफ से सुनवाई कर रहे वकील श्रेया चौधरी ने कहा कि सरकार की तरफ से भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया को जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से पक्ष नहीं रखा गया है। इस मुद्दे पर तीन बार सुनवाई हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकला है। ऐसे में अब अभ्यर्थी विभाग और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं। बता दें, इस मामले की अब 9 दिसम्बर को फिर से सुनवाई है।
कुल इतने दिव्यांग अभ्यर्थी हुए हैं पास
69 हजार शिक्षक
भर्ती (69000 Assistant Teachers) में दिव्यांगों (Disabled Candidates) के
अलग-अलग मामले इस समय कोर्ट में चल रहे हैं। सरकार की तरफ से दाखिल किए गए
जवाब में वही फंसते हुए नजर आ रहा है। इस मुद्दे पर विभाग ने बताया कि 69
हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में कुल 3,084 दिव्यांग
उम्मीदवार (Disabled Candidates) पास हुए हैं।
69 हजार शिक्षक
भर्ती (Allahabad High Court) का घोषित परिणाम के हिसाब से इसमें बधिर
अभ्यर्थियों की संख्या 397, दृष्टिबाधित अभ्यर्थी की संख्या 618 और अस्थि
विकलांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) की संख्या 2,069 है। विभाग ने
बताया कि जिला आवंटन के समय में सभी को एक-एक प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
विभाग ने बताया कि 1 प्रतिशत अभ्यर्थी हमें मिले नहीं, जिसकी वजह से उनकी
सीटों को सामान्य वर्ग में जोड़ दिया गया है। यही नहीं कोर्ट में विभाग ने
यह भी बताया कि दिव्यांगों को क्षैतिज आरक्षण के तहत ही आरक्षण का लाभ दिया
गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) ने यह भी कहा है कि यह भर्ती (69000 Assistant Teachers) स्टेट लेवल की नहीं हैं बल्कि जिला लेवल की भर्ती (69000 Assistant Teachers) है। विभाग ने उ.प्र. बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के तहत भर्ती जिला कैडर मानते हुए की है। अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार की तरफ से जिला स्तर पर फिर विज्ञापन क्यों नहीं जारी किया। आखिर विभाग की तरफ से ऐसा क्यों किया गया कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में विज्ञापन राज्य स्तर पर जारी किया गया।