लखनऊ। कोविड-19 महामारी की वजह से 28 लाख कर्मचारियों व पेंशनरों के फ्रीज महंगाई भत्ते (डीए) व महंगाई राहत (डीआर) के जुलाई से भुगतान की राह बन गई है। प्रदेश सरकार ने डीए व डीआर पर होने वाले खर्च का बजट में प्रावधान कर दिया है। हालांकि राज्य सरकार इस संबंध में निर्णय केंद्र के फैसले के बाद करेगी।
प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में महंगाई भत्ते के लिए 12,917.11 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। लेकिन, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पिछले वर्ष जनवरी व जुलाई-2020 तथा जनवरी-2021 में कर्मचारियों व पेंशनरों के महंगाई भक्ते व महंगाई राहतमें वृद्धि न करने का फैसला किया। जब मंहगाई राहत फ्रीज की गई थी उस समय कर्मी 17 फीसदी डीए पा रहे थे। पुनरीक्षित बजट अनुमान के मुताबिक फ्रीज स्तर पर भुगतान से डीए का खर्च सिमटकर 7248.44 करोड़ रहने की संभावना है। इससे सरकार के खजाने में एक वित्तीय वर्ष में ही 5668.66 करोड़ की बचत हुई।
सरकार ने एक जुलाई, 2021 से देय डीए व डीआर पर आगे निर्णय की बात कही थी अब 2021 22 के बजट में इस मद में 15,997.84 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। यह चालू वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित आवंटन की तुलना में 23.85 प्रतिशत ज्यादा है। इस तरह बजट में कर्मियों के डीए व पेंशनरों के डीआर की व्यवस्था हो गई है।
वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह प्रस्ताव महंगाई भत्ते की दो किस्त के भुगतान के लिए है । महंगाई की बढ़ी दरों को शामिल करते हुए जुलाई किस्त के भुगतान में बजट की कोई कमी नहीं होगी जनवरी 22 में महंगाई की बढ़ी दर के मुताबिक अगर अतिरिक्त आवंटन की आवश्यकता होगी तो अनुपूरक या अन्य उपायों से बजट की व्यवस्था का रास्ता खुला हुआ है।