दो शिक्षक भर्तियों में एक चौथाई से अधिक पदों पर चयन लटका:- शिक्षकों की भर्ती चाहे उच्च शिक्षा में हो या माध्यमिक या बेसिक शिक्षा में, कोई न कोई विवाद जरूर

शिक्षकों की भर्ती चाहे उच्च शिक्षा में हो या माध्यमिक या बेसिक शिक्षा में, कोई न कोई विवाद जरूर होता है। बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार शिक्षक भर्ती का हालिया विवाद सबके सामने हैं। पूर्व में उच्च और माध्यमिक शिक्षा की दो शिक्षक भर्तियां भी विवाद की वजह से लटकी हैं।

स्थिति यह है कि इन दोनों भर्तियों में शामिल एक चौथाई से अधिक पदों का अब तक परिणाम घोषित नहीं हो सका है। यहां बात हो रही है लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2016 की।




उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग
पहले बात उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की। क्योंकि इसकी प्रक्रिया शुरू हुए चार साल हो गए। प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 35 विषयों के रिक्त 1150 पदों के लिए जून 2016 में विज्ञापन जारी कर आवेदन लिए गए थे। तमाम उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए इसकी लिखित परीक्षा 15 दिसंबर 2018 से 12 जनवरी 2019 तक तीन चरणों में हुई। वर्तमान स्थिति यह है कि इस भर्ती में समाजशास्त्र और शिक्षा शास्त्र का अंतिम परिणाम घोषित नहीं हो सका है। इन दोनों विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 373 पद हैं, यानी की इस भर्ती में शामिल कुल 1150 पदों का तकरीबन 32 प्रतिशत पद इन्हीं विषयों में हैं। एक विषय की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट तो दूसरे की हाईकोर्ट में चल रही है।



उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग
अब चर्चा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की। राजकीय इंटर कॉलेजों में 15 विषयों के एलटी ग्रेड शिक्षकों के रिक्त 10768 पदों की भर्ती प्रक्रिया 15 मार्च 2018 को शुरू हुई थी। 29 जुलाई 2018 को सभी विषयों के लिए एक साथ परीक्षा हुई। इस भर्ती में शामिल 13 विषयों का परिणाम तो घोषित किया जा चुका है पर अभी दो विषयों हिन्दी और सामाजिक विज्ञान का परिणाम घोषित नहीं हो सका है। खास बात यह है कि इन दोनों विषयों में 3287 पद हैं, जो भर्ती में शामिल कुल 10768 पदों का लगभग 31 प्रतिशत है। परिणाम पेपर लीक होने के आरोपों के कारण लटका हुआ है।