कर्मियों ने आंदोलन के लिए बनाया मंच, एक मंच पर आने का फैसला

अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदेश के बड़े कर्मचारी संगठनों, शिक्षक संघों, अधिकारी महापरिषद और पेंशनरों के संगठन ने एक मंच पर आने का फैसला लिया है। सोशल मीडिया पर आंदोलन को गति देने के लिये माहौल बनाने की शुरुआत भी कर दी गई है।
इसके लिए मंच का गठन किया गया है।


तमाम संगठन लम्बे समय बाद आंदोलन के लिए एकजुट होने पर सहमत हुए हैं। इनमें राज्य कर्मचरी संयुक्त परिषद, प्राथमिक शिक्षक संघ, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, अधिकारी महापरिषद, सचिवालय संघ, जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ, राज्य कर्मचारी महासंघ, सिचांई, विद्युत सुरक्षा से लेकर चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक महासंघ के पदाधिकारी भी हैं।

संयुक्त मंच बनाने पर सहमति बनी: रविवार को इन संगठनों के वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा हुई। इसके बाद मंच का गठन किया गया। मंच का नाम ‘कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच' तय किया गया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी के संयोजन में मंच का गठन हुआ। उन्होंने बताया कि पहली बैठक में कर्मचारियों की लम्बित समस्याओं पर सरकार की अनदेखी, भत्तों की कटौती और एस्मा जैसी दमनात्मक कार्रवाई पर चर्चा की गई। इसके बाद कार्यकारिणी का गठन किया गया। मंच के समस्त पदाधिकारियों ने एक राय होकर मंहगाई भत्ता सहित अन्य लगभग 15 भत्तों पर सरकार द्वारा कैंची चलाए जाने पर नाराजगी जताई। अगस्त माह में बैठक करने की घोषणा की गई। इसके बाद प्रांतव्यापी आन्दोलन कार्यक्रमों की चरणबद्ध घोषणा की जाएगी।


वीडियो कांन्फेसिंग का संचालन महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने किया। अधिकारी महापरिषद के संरक्षक बाबा हरदेव सिंह, परिषद के संयोजक भूपेश अवस्थी, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव जीएन सिंह, केन्द्रीय संगठन आयकर राजपत्रित सेवा संघ के जेपी सिंह ने समर्थन दिया।