प्रियंका वाड्रा ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि, "69000 शिक्षकों की भर्ती
का घोटाला उत्तर प्रदेश का व्यापमं घोटाला है।" उन्होंने कहा "इस मामले में
गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं। डायरियों में छात्रों के नाम, धन का
लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का
शामिल होना, ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं।"
कांग्रेस महासचिव ने अपने अगले ट्वीट में प्रदेश सरकार को आगाह किया कि, "मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा।"
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत 3 जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति आलोक माथुर की अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है।
राज्य सरकार ने एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर आगामी 9 जून को सुनवाई करेगी।
कांग्रेस महासचिव ने अपने अगले ट्वीट में प्रदेश सरकार को आगाह किया कि, "मेहनत करने वाले युवाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सरकार अगर न्याय नहीं दे सकी तो इसका जवाब आंदोलन से दिया जाएगा।"
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत 3 जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति आलोक माथुर की अदालत का कहना था कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है।
राज्य सरकार ने एक विशेष याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियामक आयोग (ईआरए) द्वारा दाखिल की गई इस याचिका पर आगामी 9 जून को सुनवाई करेगी।