इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार को नोटिस जारी करते हुए उन्हें स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि आदेश की अवहेलना
करने पर क्यों न उन्हें दंडित करने का आरोप निर्मित किया जाए। कोर्ट आदेश का पालन न करने की अधिकारियों की प्रवृत्ति पर तल्ख टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने कहा कि अक्सर देखा जा रहा है कि अधिकारी पहली बार में आदेश का पालन नहीं करते। वे लोगों को अवमानना याचिका दाखिल करने को विवश करते हैं। अवमानना याचिका पर भी आदेश पालन करने का अवसर दिए जाने के बाद भी पालन नहीं करते। अधिकारी आदेश न मानने के आदती हो गए हैं। कोर्ट ने इसे दुःखद मानते हुए उम्मीद जताई है कि अधिकारी कोर्ट के आदेश का पहली बार में ही पालन करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही सरकार कोर्ट के आदेश का पालन कड़ाई से पालन करने का सर्कुलर जारी करेगी अन्यथा कोर्ट सख्त रुख अपनाने को विवश होगी। कोर्ट ने जनता माध्यमिक विद्यालय नगला सुमेर परसोन एटा की याचिका पर अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को तीन माह में वित्तीय अनुदान देने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। याची के अधिवक्ता डीसी द्विवेदी का कहना है कि आदेश की प्रति देने के बावजूद पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने अवमानना याचिका आदेश पालन के लिए एक माह का समय देते हुए निस्तारित कर दी। फिर भी आदेश की अवहेलना हुई तो दोबारा यह अवमानना याचिका दाखिल की गई है।