वाराणसी। जिले 44 परिषदीय विद्यालयों में कराए जाने वाले कायाकल्प के कार्यों के लिए शासन की ओर से तीन वर्षों में 23 करोड़ की धनराशि जारी की गई थी। लेकिन इससे ॥9 स्कूलों में कार्य नहीं कराए गए है, जहां कराए गए है वहां मानकों की अनदेखी की गई। वहीं कई स्कूलों में शासन की ओर निर्धारित विक्रेताओं से
मानों की खरीद नहीं कि गई है। इसको लेकर बेसिक शिक्षा वभाग ने दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों से 5 दिन में जवाब मांगा था। लेकिन अभी तक किसी ने जबाब नहीं दिया है, ऐसे लोगों को बेसिक शिक्षा विभाग ने फिर से रमांइडर भेजकर उनसे जबाब मांगा है। बीएसए ने बताया कि रिमांइडर के बाद जबाब न देने वालों परविभाग की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। 3-6 नवंबर के बीच राज्य परियोजना निदेशालय की तीन सदस्यीय टीम ने जिले के परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण कर वहां कराए गए कायाकल्प के कार्यों का स्थलीय सत्यापन किया था। जिसमें १9 विद्यालयों में कराए गए कायाकल्प के कार्यों में विभिन्न तरह की गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसमें कई विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट का अभिलेख उपलब्ध ही नहीं था। तो कुछ में स्वच्छता पर खर्च के आधी धनराशि ही खर्च ही गई है। वहीं कुछ स्कूलों में सामानों की खरीद में मानकों की अनदेखी हुई थी व पुस्तकालय के लिए पुस्तकों की खरीद निर्धारित प्रकाशकों की जगह अन्य से की गई थी। निरीक्षण वाले अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट बीएसए को सौंपने के साथ ही राज्य परियोजना कार्यालय को भी सौंपी थी