प्रतापगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का टैलेंट परखने के लिए अब हर साल को परीक्षा ली जाएगी। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के लिए हर वर्ष उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जिसमें सभी शिक्षकों को पास होना आवश्यक होगा। बेसिक शिक्षा विभाग में गुणात्मक सुधार के लिए स्कूलों का कायाकल्प करने के साथ ही इंग्लिश मीडियम स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब पढ़ाई के
लिए जोर नहीं देना होगा, बल्कि शिक्षक उन्हें खेल-खेल में शिक्षा देंगे। इसके लिए पहले शिक्षकों को ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद उन्हें परीक्षा के दौर से गुजरना होगा। विभाग का मानना है कि शिक्षकों के परीक्षा में शामिल होने से उन्हें जिम्मेदारी का एहसास होगा और वह बच्चों को बेहतर ढंग से शिक्षा दे सकेंगे। फिलहाल इन दिनों बेसिक शिक्षा विभाग में बदलाव का दौर प्रारंभ हो गया है। पहले स्कूलों की दशा को सुदृढ़ किया गया और अब शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। स्कूलों में शिक्षकों 1 जो कमी थी, वह भी दूर हो गई है।
ऑनलाइन प्रशिक्षण से बचे 2.23 करोड़ बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देकर विभाग ने 2.23 करोड़ रुपये बचाए हैं। पिछले वर्ष हुए प्रशिक्षण में सभी बोआरसी पर बजट भेजकर प्रशिक्षण दिया गया था। जिममें प्रशिक्षण के लिए आने वाले शिक्षकों को नाश्ता, भोजन के साथ ही किराया भी दिया जाता था। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते न तो ऑफलाइन ट्रेनिंग हुई और न ही शिक्षकों के प्रशिक्षण में 2.23 करोड़ रुपये खर्च हुए।
बेसिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण होने के बाद परीक्षा ली जाएगी। इससे शिक्षकों की क्षमता का आकलन होगा। इसका उद्देश्य बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना है। अशोक कुमार सिंह, बीएसए