प्रदेश के एडेड माध्यमिक कालेजों में शिक्षक ही नहीं, प्रधानाचार्यो के पद भी बड़ी संख्या में खाली हैं। चयन बोर्ड 2011 की भर्ती अब तक पूरी नहीं कर सका है और न ही 2013 भर्ती का साक्षात्कार शुरू हुआ है। वहीं, 2020 में भी करीब डेढ़ हजार कालेजों में फिर प्रधानाचार्यो के पद खाली हो गए हैं। उसका विज्ञापन भी जारी नहीं किया जा रहा। ज्ञात हो कि टीजीटी-पीजीटी 2020 भर्ती के 15,508 पदों का संशोधित विज्ञापन ढाई माह बाद भी घोषित नहीं हो सका है।
2011 के छह मंडलों का साक्षात्कार अब तक नहीं हो सका
2013 की प्रधानाचार्य भर्ती के 599 पदों के लिए इंटरव्यू नहीं
2020 में प्रधानाचार्यो के 1453 पद खाली, विज्ञापन नहीं
अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कॉलेजों में प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र पर है। उसकी कार्यशैली ऐसी है कि पुरानी भर्तियां न तो पूरी हो पा रही हैं और न ही नई भर्ती शुरू हो पा रही हैं। चयन बोर्ड ने प्रधानाचार्य भर्ती-2011 के तहत 942 पदों का विज्ञापन निकाला था। उस समय प्रदेश के 16 मंडलों में ये पद खाली थे। अभ्यर्थियों से आवेदन लेकर 31 जनवरी, 2014 से साक्षात्कार शुरू कराए गए। लंबे समय तक यह भर्ती कोर्ट में फंसी रही। किसी तरह 10 मंडलों का अंतिम परिणाम घोषित हो सका है, जबकि छह मंडलों का साक्षात्कार मार्च 2020 में निरस्त कर दिया गया। कहा गया कि जल्द दोबारा साक्षात्कार कराने के लिए कार्यक्रम जारी होगा, 10 माह से इसका इंतजार किया जा रहा है। इसी तरह से 2013 में प्रधानाचार्य के 599 पदों के लिए विज्ञापन जारी करके आवेदन लिए गए। चयन बोर्ड का पुनर्गठन होने के दौरान कहा गया था कि आवेदनों की जांच हो रही है यह पूरा होते ही साक्षात्कार कराया जाएगा। यह अब न तो जांच पूरा होने का दावा किया गया और न ही कार्यक्रम जारी हुआ। चयन बोर्ड उप सचिव नवल किशोर का कहना है कि जल्द ही विज्ञापन व साक्षात्कार शुरू होंगे।