लखनऊ: यूपी बोर्ड हाईस्कूल में अब आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था को खत्म करेगा। अभी हाईस्कूल के सभी विषयों में 30 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होता है, जबकि बाकी 70 नंबर बोर्ड परीक्षा के होते हैं। आंतरिक मूल्यांकन के अंक स्कूल अपने स्तर पर देते हैं। इसमें मनमानी की शिकायतें थीं, इसीलिए अब हाईस्कूल के रिजल्ट में 100 में 30 नंबर देना कॉलेजों के हाथ में नहीं रहेगा।
आंतरिक मूल्यांकन के तहत विद्यार्थियों की वर्ष में तीन बार दस-दस अंकों की सितंबर, नवंबर और जनवरी में लिखित परीक्षा तथा प्रोजेक्ट व मौखिक परीक्षा होती है। विद्यार्थियों को मिले नंबर स्कूल सीधे बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करते हैं। स्कूल इसमें अपने स्तर पर विद्यार्थियों को मनमाने ढंग से अंक बांट रहे हैं, इसलिए नई शिक्षा नीति के तहत आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था को खत्म करने की सिफारिश की गई है। हाईस्कूल में आंतरिक मूल्यांकन खत्म करने के पीछे तर्क दिया गया है कि इससे परीक्षा की विश्वसनीयता और उसकी वैधता सुनिश्चित होगी, जबकि अंकस्फीति पर भी अंकुश लगेगा। फिलहाल कक्षा नौ में नए सत्र वर्ष 2021-22 से और हाईस्कूल में वर्ष 2023 से आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था खत्म की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की कमेटी ने विद्यार्थियों के मूल्यांकन व परीक्षा सुधार कई उपायों को लागू करने का सुझाव दिया है। ऐसे में माध्यमिक स्तर पर आंकलन की अवधारणा में अमूल-चूल परिवर्तन पर जोर दिया जाएगा। योगात्मक मूल्यांकन के साथ रचनात्मक मूल्यांकन पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिससे सीखने की प्रक्रिया में निरंतर सुधार होगा। मूल्यांकन के तार्किक विश्लेषण, तार्किक चिंतन और अवधारणात्मक स्पष्टता को जांचने पर जोर दिया जाएगा। विद्यार्थियों में उच्चतर चिंतन कौशल का विकास किए जाने पर जोर दिया जाएगा।