महंगाई भत्ता फ्रीज होने से रिटायर कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, ईएल का बड़ा नुकसान, नाराज कर्मचारी और पेंशनर्स एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में
जनवरी 2020 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। फ्रीज होने से महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी का लाभ तो नहीं ही मिल रहा है, ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश के रूप में भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे कर्मचारियों में निराशा तथा नाराजगी है। इस बाबत कर्मचारी नेताओं की ओर से मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया है।
सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारी को अन्य भत्तों के अलावा साढ़े 16 महीने की ग्रेच्युटी तथा अर्जित अवकाश के रूप में 300 दिन का वेतन मिलता है। इसके विपरीत जनवरी 2020 से पहले डीए 17 प्रतिशत था, जो जनवरी 2021 से 28 फीसदी तय हो गया है। इस तरह से डीए में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है लेकिन फ्रीज होने की वजह से कर्मचारियों को इस बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिल रहा।
चूंकि ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश का निर्धारण बेसिक तथा डीए को जोड़कर होता है, ऐसे में डीए फ्रीज करने का असर इस दौरान सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश के रूप में मिलने वाली राशि पर भी पड़ रहा है। वेतन और पेंशन निर्धारण के जानकार एजी ऑफिस से रिटायर हरिशंकर तिवारी का कहना है कि यदि कोई कर्मचारी इस वर्ष जनवरी में रिटायर होता है और बेसिक 50 हजार रुपये भी है तो उसे साढ़े 26 महीने के वेतन पर 11 प्रतिशत डीए के हिसाब से 1.25 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होगा।
आल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तथा स्थायी विशेष आमंत्रित सदस्य सुभाष चंद्र पांडेय का कहना है कि इस दौरान रिटायर होने वालों को बाद में भी इसका भुगतान नहीं होगा। इसे लेकर वित्त मंत्रालय तथा अन्य संबंधित विभागों को पत्र लिखा गया है। एक फरवरी को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी आंदोलन में भी इस बिंदु को शामिल किया गया है। सुभाष चंद्र पांडेय का कहना है कि डीए जुुलाई से देना सुनिश्चित करने के साथ एरियर का भी प्रावधान बजट में किया जाना चाहिए।
डीए फ्रीज करने समेत अन्य मुद्दों पर गुस्सा, एक को प्रदर्शन
डीए फ्रीज करने से नाराज कर्मचारी और पेंशनर्स एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। डीए फ्रीज करने का आदेश वापस लेने के साथ पुरानी पेंशन बहाली, निजीकरण की प्रक्रिया बंद करने समेत 14 बिंदुओं को लेकर सतत आंदोलन की रणनीति बनाई गई है। एक फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट पेश होगा। इसी दिन से आंदोलन की शुरुआत होने जा रही है। इसी क्रम में कर्मचारियों और पेंशनर्स ने एक फरवरी को अटेंशन डे मनाने की घोषणा की है। राष्ट्रव्यापी आंदोलन में आल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट्स एसोसिएशन, पेंशनर्स एसोसिएशन, कंफेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लाइज एंड वर्कर्स तथा नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ पेंशनर्स एसोसिएशन समेत अनेक संगठन शामिल होंगे। आल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट्स पेंशनर्स एसोसिएशन के सुभाष चंद्र पांडेय और सहायक महासचिव ऋषेश्वर उपाध्याय ने बताया कि एक फरवरी को देश भर में निर्धारित स्थानों पर धरना-प्रदर्शन होगा। आगे के आंदोलन की घोषणा भी जल्द होगी।