प्रदेश में हर साल शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसके लिए वार्षिक कैलेंडर बनेगा। शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के वर्ष 2025 तक रिक्त होने वाले पदों का आंकलन जून 2021 तक कर लिया जाएगा। इसके बाद भर्ती का वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाएगा। शिक्षकों की भर्ती के पैटर्न में भी बदलाव किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षकों के राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक तय किए हैं।
नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को अत्यधिक मजबूत बनाया जाएगा। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के साथ उनमें शिक्षण के कौशल का भी आंकलन किया जाएगा। रिक्त पदों की गणना के लिए तकनीक आधारित व्यवस्था की जाएगी।
मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से 2025 तक होने वाली शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों की रिक्तियों की गणना जून 2021 तक की जाएगी। उसके बाद चयन करने वाली संस्था को समय-समय पर प्रस्ताव भेजा जाएगा।
टीईटी के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी के बीच समन्वय के लिए 2021-22 से रूपरेखा तय की जाएगी। वर्तमान में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर चल रही भर्ती की प्रक्रिया अप्रैल 2021 तक पूरा किया जाएगा।
शिक्षकों के राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक तय होंगे
शिक्षकों के कॅरिअर प्रबंधन हेतु प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक तय किए जाएंगे। राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक पूरे सेवा काल में शिक्षकों के कार्यक्रम भी डिजाइन करेंगे। इसी मूल्यांकन के आधार पर शिक्षकों की वेतन वृद्धि, पदोन्नति और अन्य लाभ और प्रोत्साहन तय किए जाएंगे।
सत्र 2021-22 से नवनियुक्त शिक्षकों के लिए दस दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण डायट या अन्य संस्था में दिया जाएगा। इसमें अन्य विषयों के साथ सामाजिक और भावनात्मक पक्ष का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कोरोना से सबक... तीन भागों में तैयार होगा पाठ्यक्रम
कोरोना महामारी और भविष्य में अन्य कारणों से संभावित अनिश्चितता को देखते हुए माध्यमिक विद्यालयों में पाठ्यक्रम की प्लानिंग पर विशेष जोर दिया जाएगा। शैक्षिक सत्र में अधिकतम 32 सप्ताह के साप्ताहिक टीचिंग प्लान के आधार पर तीन भागों में पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। पहला भाग कक्षा में पढ़ाया जाएगा। दूसरा भाग डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से पढ़ाया जा सकेगा और तीसरा भाग प्रोजेक्ट के माध्यम से कराया जाएगा।
पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे समसामयिक विषय
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आलोचनात्मक, चिंतन, चर्चा और विश्लेषण आधारित अधिगम पर जोर दिया है। सभी स्तरों पर समसामयिक विषयों को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। इसे 2022-23 से कक्षा 8 और कक्षा 9 में लागू किया जाएगा।