लखनऊ : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं अब साल में दो बार होंगी। वर्ष 2023 से बोर्ड परीक्षार्थियों को यह मौका दिया जाएगा। साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होने से विद्यार्थियों को ऐसे विषयों में नंबर बढ़ाने का मौका मिलेगा, जिनमें उन्हें कम अंक मिले हैं।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बताया कि बोर्ड के सभी विद्यार्थियों को एक समान रूप से साल में दो परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। विद्यार्थी बिना किसी तनाव के परीक्षा दे सकेंगे, जबकि कोचिंग के प्रति उनका रुझान भी कम होगा।
एक बार परीक्षा अपने निर्धारित समय पर होगी और दूसरी बार विद्यार्थियों के परीक्षाफल में सुधार के लिए होगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किए जाएंगे। राजकीय माध्यमिक स्कूलों में कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने की भी व्यवस्था की जाएगी। माध्यमिक स्कूलों में एक सेक्शन अंग्रेजी माध्यम का खोला जाएगा।
अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए विशेष सरकारी प्राइमरी स्कूल चलाए जा रहे हैं। ऐसे में यह विद्यार्थी जब आगे माध्यमिक स्कूलों में पहुंचेंगे तो वहां भी इन्हें अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने का मौका मिल सकेगा। इसके साथ ही विदेशी और शास्त्रीय भाषाओं को भी ऑनलाइन पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। शैक्षिक सत्र 2021-22 में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इसे लागू कराया जाएगा।
बदलेगा रिपोर्ट कार्ड, एआइ की लेंगे मदद: यूपी बोर्ड के स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का संपूर्ण मूल्यांकन कर रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। कक्षा नौ के विद्यार्थियों को नए सत्र 2021-22 से ही नया रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। इस रिपोर्ट कार्ड में विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक, भावात्मक और साइकोमोटर डोमेन के आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाएगा। यानी विद्यार्थियों के कार्य करने की गति तथा समझने व विश्लेषण की क्षमता सहित अन्य ¨बदुओं का आकलन किया जाएगा।
शैक्षिक सत्र 2021-22 से ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित साफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। वहीं इंटरेक्टिव प्रश्नावली के आधार पर विद्यार्थियों का आकलन किया जाएगा।