बजट का आवंटन न हो पाने के कारण शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं दिया जा सका है. अब बजट से संबंधित फाइल चल रही है और इसके जल्द ही जारी होने की संभावना बढ़ी है. उम्मीद की जा रही है कि इस हफ्ते के आखिर तक हर हाल में बजट जारी हो जायेगा
लखनऊ. प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षामित्रों (UP Shikshamitras) को दो महीने से मानदेय नहीं मिला है. राज्य सरकार ने नवम्बर और दिसम्बर का भुगतान रोककर रखा है. ऊपर से अब धीरे धीरे जनवरी भी समाप्ति की ओर है. ऐसे में शिक्षा मित्रों और उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है लेकिन, खुशखबरी की बात ये है कि इसी हफ्ते बकाये मानदेय का भुगतान हो सकता है. डीजी स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने न्यूज़18 को बताया कि हर हाल में इस हफ्ते शिक्षामित्रों के बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा. किसी भी सूरत में कोई भी विलंब की संभावना नहीं है.
बता दें कि बजट का आवंटन न हो पाने के कारण शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं दिया जा सका है. अब बजट से संबंधित फाइल चल रही है और इसके जल्द ही जारी होने की संभावना बढ़ी है. उम्मीद की जा रही है कि इस हफ्ते के आखिर तक हर हाल में बजट जारी हो जायेगा और बकाये मानदेय का भुगतान बेसिक शिक्षा विभाग कर देगा. बता दें कि मानदेय न मिलने के कारण शिक्षामित्रों का नया साल सूखा-सूखा ही रहा. हालांकि शिक्षामित्रों के नेता अनिल यादव (अध्यक्ष, यूपी दूरस्थ बीटीसी शिक्षामित्र संघ) ने कहा कि उन्होंने कई दिन पहले विभागीय अफसरों से भेंट करके भुगतान की मांग की थी लेकिन, अभी तक सिर्फ आश्वासन मिला है.
इतना मिलता है मासिक मानदेय
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में तैनात डेढ़ लाख शिक्षा मित्रों को 10 हजार रूपये प्रति माह के हिसाब से मानदेय दिया जाता है. इनके मानदेय में 60 फीसदी केन्द्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकार का अंशदान होता है. इसी वजह से अक्सर बजट जारी होने में दिक्कत होती है और मानदेय का भुगतान लटक जाता है. प्रदेश में दो तरह के शिक्षा मित्र प्राइमरी स्कूलों में तैनात हैं. 1 लाख 35 हजार सर्व शिक्षा अभियान के तहत जबकि लगभग 15 हजार बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत.