तदर्थ शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड बड़ी सौगात दे सकता है। पीजीटी-टीजीटी 2020 भर्ती में प्रति प्रश्न मूल्यांकन खत्म करने का निर्णय हो चुका है। अब तदर्थ शिक्षकों के लिए अलग से परीक्षा पर मंथन चल रहा है। उन्हें दिया जाने वाला वेटेज भी बढ़ाया जा सकता है, ताकि ये आसानी से नियमित हो सकें।
प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक कालेजों के लिए टीजीटी-पीजीटी 2020 का विज्ञापन 29 अक्टूबर को जारी हुआ था। लिखित परीक्षा में पहली बार शामिल किए जा रहे तदर्थ शिक्षकों के प्रति प्रश्न मूल्यांकन में असमानता बरती गई थी। इसे दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया और विज्ञापन निरस्त किया जा चुका है। इसी बीच 24 नवंबर को चयन बोर्ड की बैठक तीन ¨बदुओं को लेकर हुई। पहला ¨बदु तदर्थ शिक्षकों को लेकर रहा। कहा गया है कि शासन ने तदर्थ शिक्षकों को विशेष छूट देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा उनका वेटेज अधिकतम 35 से बढ़ाकर 50 अंक किया जा सकता है। बोर्ड ने तय किया कि इसमें विधिक राय लेकर अंतिम फैसला करेंगे।
शासन का मानना है कि तदर्थ शिक्षक लिखित परीक्षा में आम प्रतियोगी से कड़ा मुकाबला नहीं कर पाएंगे। लंबे समय से कालेजों में तैनात शिक्षकों को विशेष राहत नहीं दी गई तो अधिकांश फेल होंगे और हजारों के सामने परिवार पालने का संकट खड़ा हो जाएगा। यह भी तर्क दिया गया कि वर्ष 2000 के पहले तक ऐसे ही शिक्षकों को शासन ने विनियमित करने का निर्णय भी किया है, उसी आधार पर इस वर्ग को अलग से राहत दी जा सकती है।
लिखित परीक्षा से ही होंगे नियमित
सभी इस पर सहमत हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने लिखित परीक्षा में शामिल होने का आदेश दिया है इसलिए सभी को परीक्षा में शामिल होना होगा। सभी ¨बदुओं पर मंथन चल रहा है। अगले माह ये निर्णय सार्वजनिक होंगे। तदर्थ शिक्षकों को राहत देने के लिए ही संशोधित विज्ञापन जारी करने में समय लग रहा है। नया विज्ञापन दिसंबर के दूसरे पखवारे में आने के आसार हैं।