प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 में केंद्र निर्धारित होने के बाद सवाल नहीं उठ सकेंगे। वजह, शासन ने कालेजों की आधारभूत संसाधनों की जांच डीआइओएस से छीन ली है और इसका जिम्मा डीएम की ओर से गठित होने वाली टीम को दिया गया है। इतना ही नहीं जिन कॉलेजों की धारण क्षमता (अधिक परीक्षार्थियों को बैठाने की क्षमता) अधिक है और उनका रिजल्ट उम्दा रहने के साथ ही पिछले वर्ष वह परीक्षा केंद्र बने थे, उन्हें इस बार फिर मौका मिल सकता है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए केंद्र निर्धारण नीति जारी हो चुकी है। बोर्ड ने भी 28 हजार से अधिक माध्यमिक कॉलेजों की आधारभूत सूचनाएं लेने के लिए वेबसाइट शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया पांच दिसंबर तक चलेगी। नीति में पहला ¨बदु कंप्यूटर के माध्यम से केंद्र निर्धारण होना है। वहीं, दूसरे व तीसरे ¨बदु में कहा कि कॉलेजों ने 28 अगस्त 2019 को जारी शासनादेश के अनुसार जो सूचनाएं उपलब्ध कराई हैं उनमें यदि संशोधन है तो अपलोड करेंगे। यह दोनों ¨बदु इसलिए अहम हैं कि इस बार कॉलेजों में उपलब्ध संसाधन की जांच जिला विद्यालय निरीक्षक नहीं करेंगे, बल्कि इसके लिए जिलाधिकारी की ओर से नामित अधिकारी कालेज पहुंचेंगे।
जांच टीम की रिपोर्ट डीएम संबंधित जिले के डीआइओएस के माध्यम से अपलोड कराएंगे। यह उल्लेख इसीलिए किया गया है, क्योंकि पिछले वर्षो तक संसाधन होने व वेबसाइट पर दिखाने में अंतर रहता रहा है। सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि सभी कॉलेजों को वेबसाइट पर सूचनाएं देना है।