कौशांबी : बदले परिवेश में परिषदीय विद्यालयों का शिक्षण कार्य बंद है। ऐसे में खंड शिक्षा अधिकारी सिराथू ने इसका विकल्प तलाश लिया है। ऑनलाइन शिक्षा से बेहतर परिणाम न आने पर उन्होंने अब नुक्कड़ पाठशालाएं संचालित करने का निर्देश दिया है। स्कूल के प्रत्येक शिक्षक को इन कक्षाओं का संचालन करना होगा। इसके लिए उन्होंने बुधवार को सभी प्रधानाध्यापक व शिक्षकों के लिए निर्देश भी जारी कर दिया है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए 22 मार्च से परिषदीय विद्यालय बंद हैं। छोटे बच्चों का शिक्षण कार्य पूरी तरह से प्रभावित है। ऐसे में उनके लिए ऑनलाइन विकल्प तलाशा गया, लेकिन यह गरीब बस्तियों के बच्चों के लिए बेहतर साबित नहीं हो रहा है। ऐसे में खंड शिक्षा अधिकारी सिराथू ने नया प्रयोग किया है। उन्होंने सभी शिक्षकों को नुक्कड़ पाठशाला संचालित करने का निर्देश दिया है। खंड शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सभी शिक्षक अपने विद्यालय में पहुंचकर दैनिक उपस्थिति दर्ज करने के बाद एक शिक्षक को विद्यालय में छोड़ देंगे। अन्य शिक्षक अपने साथ रोलर बोर्ड चाक, डस्टर, टीएलएम सामग्री लेकर बस्तियों में पहुंचेंगे। अधिकतम 10-10 छात्रों के समूह में नुक्कड़ पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। सभी छात्रों के बीच कम से कम पांच फिट की दूरी व मास्क अनिवार्य होगा। कहा कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर के अध्यापक आपस में सामंजस्य बनाकर नुक्कड़ पाठशालाओं का संचालन करेंगे। कक्षा एक व दो के विद्यार्थियों के लिए अक्षर व शब्द ज्ञान पर विशेष ध्यान दिया जाए। व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि प्रतिदिन एक छात्र को कम से कम एक घंटे का समय जरूर दिया जाए। खंड शिक्षा अधिकारी ने इसके लिए सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से काम करने का निर्देश दिया है।