कोरोना संक्रमण ने केवल स्कूलों की पढ़ाई ही प्रभावित नहीं की है, बल्कि यूपी बोर्ड की अहम परीक्षा तक में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। बोर्ड ने पिछले साल ही 50 लाख से अधिक परीक्षार्थियों का इम्तिहान महज 7,786 केंद्रों पर कराकर रिकार्ड बनाया था। यह रिकार्ड इस वर्ष ही टूटने जा रहा है, क्योंकि परीक्षार्थियों के हित में
शारीरिक दूरी का अनुपालन करने में केंद्रों की संख्या करीब दोगुनी होने के आसार हैं। केंद्र निर्धारण नीति जारी हो चुकी है और अब 28 हजार माध्यमिक कालेजों में से मानक वाले केंद्रों की तलाश शुरू होगी।केंद्रों पर तय मानक के अनुरूप संसाधन हो और उनका पर्यवेक्षण आसानी से सके इसके लिए केंद्रों की संख्या कम करने की रणनीति बनी। हालांकि, हर बार की परीक्षा नीति में इसका उल्लेख रहता है कि पहले राजकीय फिर एडेड और अंत में वित्तविहीन कालेजों को अवसर दिया जाए। इसका सही से अनुपालन न होने से 2017 तक केंद्रों की संख्या अधिक रही। उसके बाद से लेकर पिछले वर्ष तक लगातार केंद्र कम होते गए। इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से 36 वर्ग फिट की दूरी रखनी है इसलिए केंद्रों की संख्या दोगुनी होने के आसार हैं, क्योंकि परीक्षार्थियों की संख्या पिछले वर्ष से कुछ कम है।
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि हाईस्कूल परीक्षा 2021 के लिए 29 लाख 85 हजार 973 संस्थागत, 17 हजार 498 व्यक्तिगत सहित कुल 30 लाख तीन हजार 471 व इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 के लिए 24 लाख 97 हजार 541 संस्थागत व 73 हजार 69 व्यक्तिगत सहित 25 लाख 70 हजार 600 ने परीक्षा फार्म भरा है। हाईस्कूल व इंटर में 55 लाख 74 हजार 71 परीक्षार्थी हैं।
पिछले वर्षो में बने केंद्र
वर्ष केंद्र
2017 11414
2018 8549
2019 8354
2020 7786
नए कालेजों में संसाधन बड़ी चुनौती
बोर्ड की परीक्षा में जिन नए कालेजों को केंद्र बनाया जाएगा। वहां वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा, रिकार्डिग के लिए डीवीआर होना जरूरी है। वेबकास्टिंग से मानीटरिंग किए जाने के लिए राउटर डिवाइस व हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन के साथ ही डीवीआर में रिकार्डिग क्षमता 30 दिनों की होना बड़ी चुनौती होगी।
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा-2021 की नीति के तहत 40 फीसद स्थायी दिव्यांग छात्र-छात्रओं को स्वकेंद्र मिलेगा। इसके लिए सीएमओ से प्रमाणित दिव्यांग प्रमाणपत्र देना होगा। स्वकेंद्र नहीं होने की दशा में करीबी स्कूल आवंटित होगा। यदि बालिका व दिव्यांग को पांच किलोमीटर की परिधि में केंद्र देना संभव न हो तो विकल्प सहित प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से शासन को भेजा जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में हाईस्कूल व इंटर की संस्थागत व व्यक्तिगत बालिकाओं को यदि उनके विद्यालय (अग्रसारण केंद्र) को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया है तो उन्हें संबंधित विद्यालय स्वकेंद्र की सुविधा के तहत आवंटित हो। जहां स्वकेंद्र की सुविधा न दी जा सके वहां अधिकतम पांच किलोमीटर में ही परीक्षा देने का अवसर दिया जाए। जिन विद्यालयों को स्वकेंद्र बनाया जाएगा, वहां अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक के साथ ही 50 प्रतिशत स्टाफ बाह्य कालेजों का भी रखा जाए।
न्यूनतम व अधिकतम का फामरूला
नकल रोकने को राजकीय विद्यालयों में 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाले न्यूनतम गुणांक के वित्तविहीन स्कूलें के परीक्षार्थियों का आवंटन होगा। इसी तरह से एडेड विद्यालयों में भी आवंटन होगा। वहीं, वित्तविहीन विद्यालयों में उच्च गुणांक वाले वित्तविहीन और न्यूनतम गुणांक वाले परीक्षार्थियों का आवंटन होगा।