अब शिक्षामित्र और अनुदेशक नहीं बन पाएंगे प्रबंध समिति के सदस्य दो वर्षका कार्यकाल हुआ पूरा, ग्राम पंचायत की खुली बैठक में होना है चयन

 प्रतापगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में गठित होने वाली प्रबंध समितियों में अब शिक्षामित्र और अनुदेशक न तो सदस्य बन सकते हैं और न ही पदाधिकारी हो सकते हैं। दो वर्ष पहले हुए चुनाव का कार्यकाल पूरा होने पर शासन ने पत्र भेजकर ग्राम पंचायत में खुली बैठक कराकर प्रबंध समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों का चयन करने को कहा है।



जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में दिसंबर 2018 में प्रबंध समितियों का गठन हुआ था। कार्यकाल पूरा होने पर शासन ने पत्र जारी कर बीएसए से सप्ताह भर के अंदर प्रबंधसमितियों का गठन करने को कहा है। प्रबंध समिति में शिक्षामित्र और अनुदेशकों के साथ ही शिक्षक अपने अपने रिश्तेदारों को पदाधिकारी और सदस्य नहीं बना सकते हैं।

समितियों में केवल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता ही पदाधिकारी और सदस्य बन सकते हैं। अभी तक स्कूलों के हेडमास्टर अपने चहेतों को पदाधिकारी बनाकर स्कूल विकास और एमडीएम के
कनवर्जन कास्ट में खेल करते थे।
समितियों के चयन निष्पक्ष ढंग से करने के लिए गांवों में मुनादी कराने और ग्राम पंचायत की खुली बैठक में चयन करने को कहा है। दो वर्ष के लिए गठित होने वाली समितियों के चयन के लिए अन्य विभागों से पर्यवेक्षकों की तैनाती करने का निर्देश दिया गया है।


जिले के सभी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में प्रबंध समिति का गठन कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया गया है। निष्पक्ष चयन कराने के साथ ही सिर्फ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को ही पदाधिकारी और सदस्य बनाने को कहा
गया है। अशोक कुमार सिंह, बीएसए