लखनऊ में ठाकुरगंज में भुवहर में किराये के कमरे में रहकर बीटीसी तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रह शिवम मिश्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इंस्पेक्टर राजकुमार ने बताया कि पुलिस ने कमरे की तलाशी ली लेकिन
कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। खुदकुशी की वजह की जांच की जा रही है। इंस्पेक्टर ने बताया कि 24 वर्षीय शिवम मूलरूप से हरदोई के कछौना स्थित मवई हथौड़ा गांव का रहने वाला था। वह यहां अपनी बुआ के बेटे कमलकांत तिवारी के साथ रहता था। कमलकांत तिवारी हरदोई के टडियावां जयराजपुर के हैं और केजीएमयू में एमएस ऑफिस में नौकरी करते हैं। बुधवार सुबह नौ बजे वह ड्यूटी पर चले गए थे। शाम करीब छह बजे लौटे तो कमरे का दरवाजा भीतर से बंद पाया। दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने खिड़की से भीतर झांका। अंदर पंखे से रस्सी के सहारे शिवम को लटकता देख उनके होश उड़ गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। दरवाजा तोड़कर शिवम को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।शिवम के परिवारीजनों ने बताया कि बुधवार को उसका गणित का पेपर था। पेपर देकर आने के बाद से वह घर के बाहर नहीं दिखा। शिवम तीन बहनों में एकलौता बेटा था। उसकी मौत की खबर से पिता अनिल मिश्रा व मां भोली देवी सदमे में आकर बेहोश हो गए। परिवारीजनों का मानना है कि पेपर गड़बड़ होने की वजह से ही उसने खुदकुशी की होगी।
उधर, हजरतगंज के नरही में रहने वाले 35 वर्षीय प्रमोद कुमार नाग ने फांसी लगा ली। उसके भाई विनोद ने बताया कि वह दूध बेचने का काम करता था। कई दिन से वह परेशान दिख रहा था। पूछने पर खामोश रहता। बुधवार देर रात उसने खुदकुशी कर ली। बृहस्पतिवार सुबह मां विमला जगाने गई तो प्रमोद का शव लटका देख होश उड़ गए। परिवारीजनों में चीख-पुकार मच गई। प्रमोद की शादी नहीं हुई थी। उसने खुदकुशी क्यों की? इस बारे में पुलिस जांच कर रही है।
इसके अलावा राजाजीपुरम सी ब्लाक निवासी इलेक्ट्रीशियन अखिलेश गुप्ता की 34 वर्षीय पत्नी सुनीता ने फांसी लगा ली। सुनीता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और कई साल से उसका उपचार चल रहा था। बुधवार रात किसी वक्त वह दुपट्टे का फंदा बनाकर पंखे से लटक गई। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सुनीता के एक बेटा दिव्यांश है।