बेसिक शिक्षा के एडेड स्कूलों की भर्ती में अब लिखित परीक्षा के आधार पर, शासन ने लिया यह फैसला

 एडेड स्कूलों में लंबे समय तक जब पद रिक्त रह जाते हैं तो उन्हें मृत मान लिया जाता है और इन पर भर्ती करने के लिए प्रबंधन को फिर से जनशक्ति निर्धारण कर प्रस्ताव देना होता है। माध्यमिक शिक्षा के एडेड स्कूलों में भर्ती माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड करता है। वहीं बेसिक शिक्षा के एडेड स्कूलों में प्रबंधन व बेसिक शिक्षा अधिकारी की सांठगांठ से नियुक्तियों की शिकायतें मिलती आई हैं। अब सरकार ने इन स्कूलों के लिए भी लिखित परीक्षा के आधारपर भर्ती करने का फैसला लिया है।





क्या था मामला जानिए 
  • 2016-17 में 15 एडेड स्कूलों में DIOS और प्रबंधक की सांठगांठ से नियुक्तियां की गईं |  
  • मामला खुलने पर डीआईओएस-2 धीरेन्द्र नाथ सिंह को निलम्बित किया गया।
  • जांच में 89 और बाद में 103 शिक्षकों की नियुक्तियां नियम विरुद्ध मिलीं
  • 21 जनवरी, 2020 शासन ने 89 शिक्षकों का वेतन रोका, रिपोर्ट मांगी
  • फरवरी,2020 को शासन ने शिक्षा निदेशक को इन शिक्षकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के निर्देश देते हुए एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी , अप्रैल में फिर शासन ने निदेशक को पत्र लिखा नियुक्तियों को विधिक प्रक्रिया से रद्द करते हुए वेतन रिकवरी के निर्देश दिए
  • जुलाई में डीआईओएस ने 89 की जगह 103 शिक्षकों के वेतन रिकवरी का प्रस्ताव निदेशालय को भेजा
प्राइमरी में भी 2 हजार से ज्यादा फर्जी नियुक्तियां
  • डा. आम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से 2004-05 में फर्जी बीएड की डिग्री लेकर शिक्षक बने 1400 लोगों को चिहिनत किया गया है | इनकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जा रही है।
  • इसके अलावा अन्य फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक बने लगभग 800 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई
  • इसी वर्ष केजीबीवी में एक ही प्रमाणपत्र पर कई जगह नौकरी का मामला सामने आया और इसमें लगभग पांच दर्जन शिक्षकों की संविदा खत्म की गई
  • सभी सरकारी प्राइमरी व माध्यमिक स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की जांच की जा रही है
  • गोण्डा के 28 एडेड स्कूलों में नियुक्तियों की जांच फरवरी में एसआईटी को सौंपी गई है।